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भीषण गर्मी से जूझ रहे लोगों को अब सता रही बिजली कटौती, कई राज्यों में हाल-बेहाल

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दिल्ली। भीषण गर्मी के बीच देश के कई राज्यों में लोगों को शनिवार को बिजली संकट (BIJLI SANKAT) का सामना करना पड़ा। पंजाब में बिजली की मांग इस वर्ष के उच्चतम स्तर 10095 मेगावाट पर पहुंच गई। हालांकि पावरकॉम 8500 मेगावाट बिजली की सप्लाई कर पाया।

राज्य में अलग-अलग इलाकों में छह से 10 घंटे तक बिजली कट लगाए गए। वहीं, हरियाणा और जम्मू में भी परेशानी बनी हुई है। पावरकॉम को अपने स्त्रोतों से 5100 मेगावाट बिजली मिली। करीब 3400 मेगावाट बिजली की अन्य राज्यों से खरीद गई। रूपनगर थर्मल प्लांट का चौथा यूनिट (BIJLI SANKAT)  के चालू हो जाने के बाद थोड़ी राहत मिली है, लेकिन तलवंडी साबो थर्मल प्लांट का एक यूनिट अब भी बंद है। यह तीन यूनिटों 1980 मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता रखते हैं। एक यूनिट बंद होने से 660 मेगावाट बिजली का कम उत्पादन हो रहा है। बिजली मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने शनिवार को दौरा किया। वह इसे एक हफ्ते में चालू करने के आदेश दिए।

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अंबाला में इन्वर्टर की मांग बढ़ी

वहीं पंजाब में बिजली कटौती के कारण अंबाला में इन्वर्टर की बैटरियों की मांग बढ़ गई है। एक खरीदार ने बताया कि हालात बहुत खराब है। हर आधे घंटे में बिजली चली जाती है। हम यहां डेढ़ घंटे से खड़े हैं। यहां लोग बैटरी लेने के लिए कतार में पहले से खड़े हैं। बच्चों को भी काफी परेशानी हो रही है।

हरियाणा में आठ से दस घंटे के कट

हरियाणा में शनिवर को बिजली की मांग 6850 मेगावाट रही, जबकि सप्लाई 5350 मेगावाट थी। अधिकृत रूप से शहरी क्षेत्र में साढ़े छह घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में चार घंटे बिजली कटौती (BIJLI SANKAT)  के आदेश हैं, लेकिन हकीकत में शहर और गांवों में आठ से दस घंटे के कट लग रहे हैं। औद्योगिक क्षेत्र के लिए भी अधिकृत रूप से आठ घंटे बिजली सप्लाई रोकी जा रही है। कांग्रेस से राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि प्रदेश में बिजली की कमी की मार इसलिए है, क्योंकि पिछले 8 साल से बिजली का कोई नया थर्मल कारखाना नहीं लगाया है। 2004 में हरियाणा में मात्र 4023 मेगावाट बिजली थी। जिसे हमने 9 साल में 1200 मेगावाट तक पहुंचाया था।

छत्तीसगढ़ सीएम ने उठाए सवाल

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि कोयले की कमी नहीं है तो देशभर में ट्रेनें क्यों रद्द की जा रही हैं। विदेश से इतना महंगा कोयला मंगा रहे हो। राज्यों को रॉयल्टी भी नहीं दे रहे हो। राज्यों के नुकसान पहुंचा रहे हो, यहां के कोयले को रॉयल्टी भी नहीं दे रहे हो। उन्होंने कहा, रसोई गैस तो वैट के दायरे में नहीं आती तो उसका दाम 400 से 1050 रुपये क्यों हो गया है। अगर घटाना ही है तो पेट्रोल-डीजल पर सेस टैक्स खत्म कर दीजिए।

दिल्ली में गर्मी ने तोड़ा रिकॉर्ड

दिल्ली में पिछले 27 सालों में दूसरा सबसे गर्म अप्रैल महीने दर्ज किया गया। शनिवार को तापमान एक बार फिर 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर रहा। मौसम विभाग के महानिदेशक डॉ. एम महापात्र के अनुसार अप्रैल 2022 में उत्तर पश्चिम और मध्य भारत में तापमान पिछले 122 वर्षों में 35.90 डिग्री सेल्सियस और 37.78 डिग्री सेल्सियस के साथ सबसे अधिक है।