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841 हेक्टेयर जंगल कटेगा, वन विभाग ने जारी किया आदेश, पढ़े पूरा मामला

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रायपुर। छत्तीसगढ का हसदेव अरण्य समृद्ध वन क्षेत्र के लिए जाना जाता है। यहां दर्जनों खदाने पहले से संचालित हैं। वन विभाग ने सरगुजा और सूरजपुर जिलों में पड़ने वाले परसा ओपन कास्ट कोयला खदान (open cast coal mine) के लिए वन भूमि के उपयोग की मंजूरी दे दी है। यह परियोजना 841.538 हेक्टेयर वन भूमि पर शुरू होगी। इसकी वजह से इस पूरे क्षेत्र में पेड़ों की कटाई होगी। वहीं सैकड़ों ग्रामीणों को अपना गांव-घर छोड़कर जाना पड़ेगा। स्थानीय ग्रामीण इस परियोजना का लंबे समय से विरोध कर रहे हैं।

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छत्तीसगढ़ वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग (open cast coal mine)  के अवर सचिव केपी राजपूत ने पिछले सप्ताह प्रधान मुख्य वन संरक्षक को मंजूरी का विवरण भेजा। इसके मुताबिक सरगुजा एवं सूरजपुर वन मंडल की 841.538 हेक्टेयर वन भूमि को पांच लाख मीट्रिक टन प्रति वर्ष की क्षमता वाली परसा ओपनकास्ट कोयला खनन परियोजना के लिए राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम को देने को मंजूरी दे दी गई है। हालांकि वन विभाग ने इस मंजूरी के साथ 15 शर्तें भी जोड़ी हैं।

एक लाख 70 हजार हेक्टेयर जंगल बर्बाद होगा

परियोजना से प्रभावित हो रहे हसदेव अरण्य को बचाने के लिए वर्षों से संघर्ष कर रहे छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन के आलोक शुक्ला का कहना है, सरकार ने परसा कोयला खदान के साथ परसा ईस्ट केंते बासन एक्सटेंशन खदान के दूसरे चरण को भी मंजूरी दे दी है। इसकी वजह से एक लाख 70 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में समृद्ध जैव विविधता वाला जंगल बर्बाद हो जाएगा। इसका असर नदियों पर भी पड़ेगा। सैकड़ों लोगों को अपने गांव से उजड़ना पड़ेगा। आलोक शुक्ला कहते हैं, इसकी भरपाई कभी भी नहीं हो पाएगी।

इन्हीं खदानों के लिए रायपुर आए थे सीएम गहलोत

राजस्थान इस खदान को अंतिम मंजूरी दिलाने के लिए काफी समय (open cast coal mine)  से दबाव बना रहा था। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पिछले महीने इसी काम के लिए रायपुर पहुंचे थे। उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ चर्चा की। राजस्थान का तर्क था, खदान संचालन नहीं होने से उनके यहां कोयला संकट खड़ा हो गया है। बिजली घरों के संचालन के लिए पर्याप्त कोयला नहीं मिल पा रहा है। बाद में सरकार ने उनकी बात मान ली और परसा कोयला खदान के लिए वन भूमि देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। केंद्र सरकार ने 2019 में ही दे दी थी विवादित मंजूरी