रायपुर। विधानसभा के बजट सत्र में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने बोधघाट परियोजना का मामला उठाया। इस मामलें में सदन में सवाल करते हुए डॉ. रमन सिंह ने पूछा कि ” बोधघाट परियोजना में डीपीआर बनाने का काम कब तक पूरा होगा ? सर्वे की प्राथमिक रिपोर्ट के सवाल का जवाब भी नहीं मिला है।”
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इसके साथ ही उन्होंने आसंदी से इस विषय को महत्वपूर्ण बताते हुए अलग से चर्चा कराए जाने की मांग रखी। जिसे स्वीकारते हुए आसंदी ने इस मामलें में आधे घंटे की चर्चा स्वीकृत कर विस्तृत चर्चा कराए जाने की अनुमति दी है।
दरअसल सदन में डॉ. रमन सिंह ने सवाल किया की क्या कृषि मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या बोधबाट सिंचाई परियोजना हेतु विभाग द्वारा विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (डी.पी.आर.) हेतु निविदा जारी की गई है ? यदि हां तो इस हेतु कुल कितनी कंपनियों ने निविदा प्रक्रिया में भाग लिया था और किस कपनी को कार्यादेश दिया गया है ? प्रचाणक के संदर्भ में उपरोक्त परियोजना का डी.पी.आर. बनाने हेतु कितनी राशि स्वीकृत की गई एवं डी.पी.आर. बनाने का कार्य कब तक पूर्ण हो जायेगा ?
इस पर कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे की ओर से जवाब देते हुए उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने कहा बोधाघाट सिचाई परियोजना हेतु विभाग द्वारा विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (डी.पी.आर.) तैयार करने के लिए निविदा जारी नहीं की गई है। परियोजना के सर्वेक्षण का कार्य भारत सरकार के उपक्रम वाप्कोम लिमिटेड, गुडगाव को सौपा गया है।
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पटेल ने सदन को बताया कि परियोजना का सर्वेक्षण एवं डीपीआर बनाने हेतु 4154.38 लाख की राशि स्वीकृत की गई है। एवं डीपीआर बनाने निश्चित समय-सिमा बताया जाना संभव नहीं है।