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ATR से रेस्क्यू कर लाए गए मादा बाघ की मौत, कानन पेंडारी जू में चल रहा था इलाज

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बिलासपुर। अचानकमार टाइगर रिजर्व से मादा बाघ को रेस्क्यू कर कानन ज़ू (BILASPUR NEWS) लाया गया था। यहां इस बाघिन का इलाज चल रहा था। बुधवार को सुबह इस बाघिन की मौत हो गई।

अचानकमार टाइगर रिजर्व के वनपरिक्षेत्र छपरवा के पास बाघिन घायल अवस्था में मिली थी। फिर उसका रेस्क्यू कर उसे कानन पेंडारी चिड़ियाघर लाया गया था। रेस्क्यू के (BILASPUR NEWS) बाद बाघिन की जांच की गई तो पता चला कि बाघिन खड़ी नहीं हो पा रही थी। बाघिन के बांए कंधे के पास और पूंछ के ऊपरी भाग में बड़ा घाव पाया गया था।

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हड्डियों के जोड़ों में कई बदलाव दिखे थे

बाघिन के रेडियोग्राफिक रिपोर्टके अनुसार बाघिन के शरीर की हड्डियों के जोड़ों में कई बदलाव दिखे थे। बाघिन की उम्र लगभग 13 वर्ष बताई जा रही है. उसके दांतों में काफी घिसाव हो गया है। चिड़ियाघर के सदस्यों के मुताबिक बाघिन की उम्र हो गई थी।वह बाघों की आपसी लड़ाई में घायल हो गई थी। विशेषज्ञ बताते हैं कि उम्रदराज होने के कारण उसे वयस्क बाघिन द्वारा उसके क्षेत्र से बाहर कर दिया गया था।

5 शावकों को जन्म दिया 

बाघिन की फोटो को भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून, उत्तराखंड (BILASPUR NEWS)  के राष्ट्रीय डाटाबेस से मिलान करने पर यह पाया गया कि बाघिन का जन्म 2009 में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हुया था और उसने साल 2013 में दो शावकों और साल 2015 में तीन शावकों को जन्म दिया था।