श्रीनगर। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष एवं पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) को 14 माह बाद मंगलवार को प्रदेश सरकार ने रिहा कर दिया। महबूबा की रिहाई के लिए सर्वोच्च न्यायालय में दायर याचिका पर 15 अक्टूबर को सुनवाई होनी थी। महबूबा की रिहाई को केंद्र सरकार के एक बड़े कदम के रूप में देखा जा रहा है। महबूबा की रिहाई का एक कारण का कयास पंचायत का उपचुनाव लगाया जा रहाहै।
5 अगस्त 2019 को किया गया था नजरबंद
पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती(Mehbooba Mufti) को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम को लागू किए जाने के मद्देनजर प्रदेश प्रशासन ने एहतियातन 5 अगस्त 2019 की सुबह हिरासत में लिया था। फरवरी 2020 में उन्हें जन सुरक्षा अधिनियम के तहत बंदी बनाया गया था। पूर्व सीएम की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने अपनी मां की रिहाई की पुष्टि की है। उन्होंने मुश्किल वक्त में साथ देने वालों का आभार व्यक्त किया है। महबूबा को रिहा किए जाने की पुष्टि जम्मू-कश्मीर प्रदेश प्रशासन के प्रवक्ता रोहित कंसल ने भी की है। उन्होंने कहा कि पीडीपी अध्यक्ष को रिहा कर दिया गया है।
इल्तिजा ने न्यायालय में लगाई थी याचिका
15 दिन पहले ही सर्वोच्च न्यायालय ने महबूबा (Mehbooba Mufti) की रिहाई के लिए उनकी बेटी इल्तिजा की याचिका पर सुनवाई करते हुए जम्मू-कश्मीर प्रदेश प्रशासन से पूछा था कि क्या पूर्व मुख्यमंत्री की कैद को जन सुरक्षा अधिनियम के तहत एक साल से आगे बढ़ाया जा सकता है? अगर बढ़ाया जा सकता है तो इसे कितने समय के लिए और बढ़ाए जाने पर विचार किया जा रहा है? अदालत ने प्रदेश प्रशासन को अपना पक्ष रखने के लिए दो सप्ताह का समय दिया था। इस मामले की सुनवाई 15 अक्टूबर को होनी थी। महबूबा की रिहाई पर पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि मुझे यह सुनकर खुशी हुई कि महबूबा मुफ्ती को रिहा किया जा रहा है। महबूबा का स्वागत करते हैं।