एजेंसी। रूस के ऐलान के बाद पूर्वी यूक्रेन (RUSSIA UKRAINE CONFLICT) में युद्ध की आहट अब साफ सुनी जा सकती है। हाल ही में युक्रेन ने दावा किया था कि पूर्वी यूक्रेन में रूस के हमले में एक सैनिक की मौत हो गई है, जबकि 6 सैनिक घायल हुए हैं। वहीं तनाव के बीच ये पहला मौका है जब यूक्रेन ने अपने सैनिकों के मारे जाने का दावा किया है। इस दौरान एक तरफ जहां यूक्रेन रूस पर हमले का आरोप लगा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ रूसी संसद ने पुतिन को यूक्रेन में मिलिट्री एक्शन की इजाजत दे दी है।
रूस की संसद ने मंजूरी दी
बता दें कि रूस (RUSSIA UKRAINE CONFLICT) की संसद ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के उस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत वे अपनी सेना को दूसरे देश में कार्रवाई करने के लिए भेज सकते हैं। पुतिन ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि अभी सारे विकल्प खुले हैं। यानि अब पुतिन किसी भी समय डोनेस्टक, लुहांस्क में सैन्य कार्रवाई कर सकते हैं।
राष्ट्रपति पुतिन ने पश्चिमी देशों के आरोपों पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि समझौते का अब कोई मतलब नहीं है। फिलहाल रूस-यूक्रेन को पश्चिम की गोद में जाने से रोकने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है तो दूसरी ओर पेंटागन ने कहा है कि संकट टालने की हर संभव कोशिश की जा रही है। इस समय यूक्रेन में हालात गंभीर है। पेंटागन के बयान से साफ है कि अमेरिका इस मसले पर रूस से सीधा टकराव नहीं चाहता है।
यूक्रेन को अस्थिर करना चाहता है रूस
नाटो ने भी रूस (RUSSIA UKRAINE CONFLICT) पर सवाल उठाते हुए कहा है कि यूक्रेन पर किसी भी समय रूस हमला कर सकता है। यूक्रेन को अस्थिर करना चाहता है रूस। इन बयानों से साफ है कि पश्चिमी देश यूक्रेन के मुद्दे पर रूस पर दबाव बनाना चाहते है लेकिन अब तक रूस पर इसका कोई खास असर नहीं दिख रहा।
अमेरिका और उसके सहयोगियों के आरोपों के बीच रूस ने कीव से अपने राजनयिकों को निकाल लिया है। रूस ने सुरक्षा का हवाला देते हुए राजनयिकों को यूक्रेन से निकालने का ऐलान किया था। रूस के इस कदम को कुछ लोग यूक्रेन पर हमले का एक औऱ संकेत मान रहे हैं। रूस यूक्रेन में बढ़ते तनाव के बीच अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या पुतिन डोनेस्टक, लुहांस्क में रूसी सेना को भेजेंगे।