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दशहरे और दिपावली के पटाखों पर भी कोरोना की मार, सुस्त है बाज़ार

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रायपुर। कोरोना महामारी के चलते हर त्यौहार बेरंग से हो गए है। पिछले 6 महीनों में मनाए जाने वाले सभी त्योहारों में कोई ख़ास रंगत नहीं दिखी। अब नवरात्रि और दीपावली के बाजार में भी मायूसी छाई हुई है। देश भर में दहशहरे और दिपावली के लिए पटाखे का कारोबार करने वाले कारोबारी की माली हालत खस्ता है।

पुरे देश में लग रहे लॉकडाउन और महामारी के कारण पटाखों की फैक्ट्रियां भी महीनों तक बंद पड़ी थी, लिहाज़ा पिछले सालों की अपेक्षा माल भी कम तैयार हुआ है। वैसे भी सरकारी फरमानों के मुताबिक ही बीतें 6 महीने से त्यौहार मनाने के क़ायदे तय हो रहे है ऐसे में क़ारोबार भी कम होने की उम्मीद है।

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कोरोना के आलावा प्रदूषण व कई पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध के चलते पटाखा कारोबार में ख़ासा नुक़सान हुआ है। त्यौहारों के आलावा इस बार शादियों में भी लोगों ने कोई आतिशबाज़ी नहीं की। दिवाली में अभी करीब महीनाभर है। लेकिन बाजारों में पटाखों की सप्लाई पिछली बार से काफी कम है। पिछले साल ग्रीन पटाखे बेचने वाले दुकानदार हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं।

ग्रीन पटाख़े ही बेचे
ग्रीन पटाखे से मतलब सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक व राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (नीरी), वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआइआर) व तेल एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के पेट्रोलियम एवं विस्फोटक सुरक्षा संगठन (पेसो) के मानक के अनुरूप हैं।

ये पटाखे तमिलनाडु के प्रसिद्ध शिवकाशी से लेकर हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र व राजस्थान में बन रहे हैं। ग्रीन पटाखों की नई किस्में बनने लगी हैं और बाजारों में आना शुरू भी हो गईं हैं। ग्रीन पटाखे सामान्य पटाखों के मुकाबले 30 फीसद तक प्रदूषण कम करते हैं। वहीं ये सामान्य पटाखों की तुलना में थोड़े महंगे होते हैं।

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धंधा और भी मंदा होगा
राजधानी के फटाखा कारोबार से जुड़े इस्माईल ब्रदर्स ने बताया “कोरोना महामारी की वजह से महीनों तक सभी कारखाने बंद पड़ी हुई थीं, जिसकी वजह से बाजार में माल नहीं आ सका है। इसके उलट इस साल अब तक पटाखों की कोई ख़ास डिमांड भी नज़र नहीं आई है। क्योंकि बीते 6 महीनों से लोग खाली बैठे हुए थे, जिसकी वजह से लोगों की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं रही। उन्होंने आगे कहा “इस बार बाजार में अगर 10 लोग खरीदी के लिए आएँगे तो, बाजार में सप्लाई केवल पांच लोगो की खरीदी का ही मिल सकता है। इस बार धंधा और भी मंदा होगा”