दिल्ली। हरियाणा मंत्रिमंडल (Haryana government ) की बैठक में मंगलवार को अनेक अहम निर्णय लिए गए है। बता दें कि इस बैठक में किसी भी तरह के धोखाधड़ी के माध्यम से जबरन धर्मांतरण को प्रतिबंधित करने के लिए, हरियाणा सरकार राज्य में ऐसी गतिविधियों के खिलाफ एक विधेयक लाने के लिए तैयार है। जिसमें ऐसे विवाहों को अमान्य घोषित करने का प्रावधान है।
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वहीं एक आधिकारिक बयान के अनुसार, उन्होंने कहा कि धर्म परिवर्तन किए बिना कोई शादी करता है तो उस पर कोई रोक नहीं है। कोई पैसे के लालच में जबरन किसी का धर्म परिवर्तन करवाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। धर्म परिवर्तन कानून में सजा व जुर्माने का प्रावधान होगा। मंत्रिमंडल ने गैरकानूनी धर्मांतरण निषेध बिल 2022 को मंजूरी दे दी है। पिछले दिनों यमुनानगर, मेवात, गुरुग्राम और पानीपत जिले में जबरन धर्म परिवर्तन के मामले आए थे। इन सब मामलों को देखते हुए और इसे रोकने के लिए इस बिल को मंजूरी दी गई है।
इसके बाद, विधेयक (Haryana government ) को अब 2 मार्च से शुरू होने वाले हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र में पेश किया जाएगा। विधेयक के मसौदे के बयान में दिए गए कुछ उद्देश्यों और तर्कों में कहा गया है कि लोग छुपाकर दूसरे धर्म के लोगों से शादी करने की कोशिश कर रहे हैं, और उन्हें अपने धर्म की ताकत बढ़ाने के लक्ष्य के साथ धर्मांतरण के लिए मजबूर कर रहे हैं। इसके अलावा, इस तरह की घटनाएं न केवल धर्मांतरित व्यक्तियों की धर्म की स्वतंत्रता का उल्लंघन करती हैं, बल्कि समाज के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने के खिलाफ भी हैं। बता दें कि मसौदा विधेयक नवंबर 2020 में राज्य के गृह मंत्री अनिल विज द्वारा “लव जिहाद” के खिलाफ जमानत का मसौदा तैयार करने के लिए तीन सदस्यीय समिति के गठन की घोषणा के बाद आया था।
धर्मांतरण विरोधी विधेयक बिल
कैबिनेट (Haryana government ) की बैठक के बाद जारी एक बयान में, कहा गया है कि बिल ऐसे धर्मांतरण को रोकने का प्रयास करता है जो बल के उपयोग के माध्यम से, धमकी, गलत बयानी, प्रभाव, जबरदस्ती, लुभाने या किसी अन्य अस्वीकार्य माध्यम से ऐसी शादियों को अमान्य घोषित करके किया जाता है। इसके अलावा, प्रावधान नाबालिगों, महिलाओं, अनुसूचित जाति और जनजाति से संबंधित धर्मांतरण के लिए सख्त से सख्त दंड प्रदान करेगा।