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बीजेपी में शामिल होने के बाद बोले आरपीएन सिंह, कांग्रेस वैसी नहीं रही जैसी थी

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दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह (RPN SINGH) ने कांग्रेस से अलग होने के बाद पहली बार मिडिया से बात करते हुए कहा कि वह बिना किसी शर्त के भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए हैं। एक कार्यकर्ता के रूप में शामिल होने का दावा करते हुए, सिंह ने कहा कि वह बीजेपी द्वारा सौंपी गई ‘जिम्मेदारी’ निभाएंगे, और अपना समय उत्तर प्रदेश और भारत के ‘उत्थान’ में बिताएंगे।

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कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने के कुछ घंटे बाद केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, ज्योतिरादित्य सिंधिया और अनुराग ठाकुर, बीजेपी के राज्य प्रमुख स्वतंत्र देव सिंह और डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हुए तीन बार के विधायक ने कहा, “मैं दूसरों से भी मेरे साथ जुड़ने का अनुरोध करता हूं।” पिछले कुछ महीनों में उत्तर प्रदेश के कई प्रमुख कांग्रेस नेताओं जैसे जितिन प्रसाद, इमरान मसूद, अदिति सिंह, ललितेश पति त्रिपाठी और पंकज मलिक ने पार्टी छोड़ दी है।

कांग्रेस अब पहले जैसी नहीं रही

आरपीएन सिंह (RPN SINGH) ने बीजेपी के लिए कांग्रेस छोड़ने की वजह बताते हुए कहा, “पार्टी उस समय की तरह नहीं है, जब मैंने ज्वाइन किया था, सोच भी वैसी नहीं है।” सिंह ने कहा कि भाजपा में शामिल होकर उन्होंने कांग्रेस को पीछे छोड़ते हुए गणतंत्र दिवस पर एक ‘नई यात्रा’ शुरू की है। इधर, अटकलें लगाई जा रही है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री को भाजपा द्वारा आगामी चुनावों में पढरौना से उम्मीदवार बनाया जा सकता है।

कौन हैं आरपीएन सिंह?

25 अप्रैल, 1964 को जन्मे रतनजीत प्रताप नारायण सिंह (RPN SINGH) एक शाही परिवार से हैं और उन्होंने एआईसीसी के सचिव सहित सोनिया गांधी के नेतृत्व वाली पार्टी में विभिन्न पदों पर कार्य किया है। 2009 के लोकसभा चुनावों में कुशीनगर से चुने जाने के बाद, उन्हें केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया। यूपीए-2 के कार्यकाल के दौरान, उन्होंने सड़क, परिवहन और राजमार्ग, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस और कॉर्पोरेट मामलों और गृह मामलों में राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया।

उत्तर प्रदेश चुनाव प्रचार

2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में, भाजपा ने 403 सदस्यीय सदन में 312 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि बसपा केवल 19 सीटें जीत सकी। दूसरी ओर, सपा-कांग्रेस गठबंधन फेल रहा, क्योंकि वह केवल 54 निर्वाचन क्षेत्रों में जीत हासिल कर सका।