हाथरस। उत्तर प्रदेश के हाथरस (Hathrash Kand) जिले में 19 वर्षीय युवती के साथ हुई हैवानियत के मामले में पीड़िता का परिवार सोमवार की सुबह हाथरस से लखनऊ कड़ी सुरक्षा के बीच रवाना हुआ। पीड़ित परिवार को हाईकोर्ट लेकर एसडीएम अंजलि गंगवार, सीओ शेलेन्द्र बाजपेयी, आदि अधिकारी पुलिस की 6 गाड़ियों से सुरक्षा करते हुए उन्हें लेकर जाएंगे। पीड़ित परिवार दोपहर 2 बजे लखनऊ हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखेगे।
कोर्ट ने मामले की जांच की स्थिति रिपोर्ट पेश करने के लिए गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) और हाथरस के जिला अधिकारी तथा पुलिस अधीक्षक को भी तलब किया है। राज्य सरकार ने अपर महाधिवक्ता वीके साही से कहा है कि वह उसका प्रतिनिधित्व करने के लिए अदालत में मौजूद रहें। हाथरस के पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने रविवार को बताया कि हाथरस के पीड़ित परिवार की अदालत में हाजिरी के लिए नोडल अफसर नियुक्त किए गए जिला जज उच्च न्यायालय के संपर्क में हैं। जायसवाल ने परिवार (Hathrash Kand) की सुरक्षा के बारे में विवरण देने से मना कर दिया।
60 पुलिसकर्मी किए गए सुरक्षा में तैनात
पीड़ित परिवार की सुरक्षा के लिए उनके घर के बाहर 60 पुलिसकर्मी तैनात (Hathrash Kand) किए गए है। घर के बाहर की गतिविधियां रिकार्ड करने के लिए 8 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए है। घर में आने जाने वाले हर व्यक्ति का नाम और पता रिकार्ड में दर्ज किया जा रहा है। नोडल अफसर नियुक्त किए गए पुलिस उपमहानिरीक्षक शलभ माथुर ने शुक्रवार को कहा था कि अगर जरूरत पड़ी तो एक नियंत्रण कक्ष बनाया जाएगा।
आपको बता दें, कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने हाथरस कांड का स्वत: संज्ञान लेते हुए इस मामले में आला अधिकारियों को गत 1 अक्टूबर को तलब किया था। न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह ने प्रदेश के गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और अपर पुलिस महानिदेशक को घटना के बारे में स्पष्टीकरण देने के लिए 12 अक्टूबर को अदालत में तलब किया था।