रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता, पूर्व मंत्री व विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने प्रदेश में कोल्डचेन स्टोर की योजना को लेकर स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता पर निशाना साधते हुए प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया है। अग्रवाल ने कहा कि एक तरफ राज्य सरकार बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का ढिंढोरा पीटती रहती है जबकि दूसरी तरफ लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएँ देना तो दूर, प्रदेश सरकार का स्वास्थ्य मंत्रालय ढाँचागत बुनियादी सुविधाओं को लेकर उदासीन है।
पूर्व मंत्री व विधायक अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश में वैक्सीन (दवाओं) के सुरक्षित रखने के लिए पर्याप्त क्षमता वाले अत्याधुनिक कोल्डचेन स्टोर की योजना पर प्रदेश सरकार की उदासीनता समझ से परे है जिसके चलते पूर्ववर्ती भाजपा शासनकाल में बनी यह योजना ठंडे बस्ते में ही पड़ी है। अग्रवाल ने कहा कि यदि प्रदेश सरकार ने इस पर गंभीरतापूर्वक ध्यान दिया होता तो मौज़ूदा कोरोना संकटकाल में कोरोना वैक्सीन को सुरक्षित रखने की दिक्कतों से बचा जा सकता था।
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क्योंकि अब इस अत्याधुनिक कोल्डचेन स्पेस की सबसे ज़्यादा ज़रूरत महसूस की जा रही है। अग्रवाल ने हैरत जताई कि बज़ट में ज़मीन की स्वीकृति की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद भी विभागीय उदासीनता के चलते प्रदेश अपनी इस ज़रूरत से वंचित रखा जा रहा है। इसके चलते अभी स्वास्थ्य विभाग दवाओं को सुरक्षित रखने की दिक्कतों से गुजर रहा है। यह स्थिति चिंताजनक है।
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि देश में कोरोना वैक्सीन के ट्रायल के तीसरे चरण में पहुँचने के बाद जब जनवरी-फरवरी तक कोरोना वैक्सीन के आने की उम्मीद व्यक्त की जा रही है, तब 1.5 लाख लीटर के कोल्डचेन स्पेस की ज़रूरत स्वास्थ्य विभाग को महसूस हो रही है। यदि वर्षों पूर्व की बनी इस योजना पर स्वास्थ्य विभाग ने काम किया होता तो आज प्यास लगने पर कुआँ खोदने जैसी नौबत नहीं आती। अग्रवाल ने कहा कि इस विभागीय लापरवाही पर मौज़ूदा प्रदेश सरकार का ध्यान नहीं देना इस बात का साफ़ संकेत है कि वह भी प्रदेश की स्वास्थ्य संबंधी ज़रूरतों व सुविधाओं को लेकर क़तई गंभीर नहीं है। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव अब इस नए कोल्डचेन स्टोर के साथ ही प्रदेश में पहले से काम कर रहे कोल्डचेन स्टोर की ख़ामियों को दुरुस्त करने की बात कर रहे हैं, जबकि कोरोना संक्रमण की शुरुआत में प्रदेश सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए था।
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पूर्व मंत्री व विधायक अग्रवाल ने कहा कि जब पूर्ववर्ती भाजपा शासनकाल में बज़ट में ज़मीन संबंधी स्वीकृति की प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी थी तो अब तक इस योजना पर कोई काम विभाग ने क्यों नहीं किया? अब स्वास्थ्य विभाग फिर एक-डेढ़ एकड़ ज़मीन के साथ ही लगभग 10 करोड़ रुपए के बज़ट की आवश्यकता बता रहा है। अग्रवाल ने कहा कि कोल्डचेन स्टोर की प्रक्रिया अगर अब शुरू होगी तो यह कब तक तैयार होगी और तब तक वैक्सीन के सुरक्षित रखने के क्या विकल्प होंगे, इस बारे में भी प्रदेश सरकार का नज़रिया सामने नहीं आया है, जबकि कोरोना वैक्सीन आने से पहले राज्य सरकार को दिसंबर तक कोल्डचेन स्टोर की व्यवस्था पूरी कर केंद्र सरकार को अवगत कराना है और तब यह समस्या प्रदेश की चिंता की एक वज़ह बनी है। अग्रवाल ने प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली और कोरोना मोर्चे पर उसकी विफलताओं पर कटाक्ष कर संजीदगी से काम करने की नसीहत दी है।