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बिलासपुर में किसानोंं को टोकन के लिए फिर करनी पड़ेगी मशक्कत

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बिलासपुर। असमय बारिश ने किसानों (DHAAN KHARIDI) की चिंता और परेशानी एक बार फिर बढ़ा दी है। उन किसानों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है जिन लोगो ने समितियों में धान बेचने के लिए टोकन हासिल कर लिया था। खरीदी बन्द होने के कारण टोकन किसी काम का नही रहा। लिहाजा टोकन के लिए एक बार फिर मशक्कत करनी पड़ेगा।

प्रदेश के साथ ही जिले के खरीदी केंद्रों में बीते छह दिनों से खरीदी बन्द (DHAAN KHARIDI) है। जाहिर है इन दिनों जिन किसानों को धान बेचने के लिए टोकन दिया गया था वह भी प्रभावी नही हो पाया है। टोकन स्वतः रद हो गया है। भारी बारिश और लगातार मौसम की खराबी के कारण उपार्जन केंद्र में पानी भरा हुआ है।

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मिट्टी गीली होने के कारण धान का परिवहन भी नहीं हो पा रहा है। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक द्वारा जिले में 130 खरीदी केंद्र की स्थापना की गई है। अधिकांश केंद्र में पानी भरा हुआ है। ट्रेक्टर सहित अन्य वाहनों की आवाजाही पूरी तरह बंद है। बारिश होने के कारण खुले में रखे धान भीग रहा है। अधिकांश समितियों में धान (DHAAN KHARIDI) को सुरक्षित रखने की व्यवस्था नहीं है. कई केन्द्रों में धान को ढंकने के लिए तिरपाल तक नहीं है।

77 हजार 974 किसान बेच चुके हैं धान

3 लाख 27 हजार 124 मीट्रिक टन धान की खरीदी की जा चुकी है। जिले में 77 हजार 974 किसान अपना धान बेच चुके हैं और उनको 635.19 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है।

 65.38 फीसद हो चुकी है खरीदी

धान बेचने के लिये जितने रकबे का पंजीयन हुआ था, उनमें से 66.46 प्रतिशत रकबे का धान अब तक खरीदा जा चुका है। लक्ष्य के विरुद्ध अब 65.38 प्रतिशत धान की खरीदी की जा चुकी है। मिलर्स को 2 लाख 44 हजार 310 मीट्रिक टन धान का उठाव के लिये डीओ जारी हो चुका है, जो अब तक खरीदे गये धान का 74.68 प्रतिशत है।

79 प्रतिशत धन का उठाव

मिलर्स ने 1 लाख 92 हजार 990 मीट्रिक टन धान का उठाव कर लिया है। जो जारी किये गये डीओ का 79 प्रतिशत है। मिलर्स द्वारा धान मीलिंग के पश्चात् 45 हजार 474 मीट्रिक टन चावल जमा कराया गया है। इसमें 23 हजार 433 मीट्रिक टन चावल नागरिक आपूर्ति निगम को और 22 हजार 41 मीट्रिक टन चावल भारतीय खाद्य निगम में जमा कराया गया है।