रायपुर। छत्तीसगढ़ में अफसरों के बीच विवाद के बाद नौकरी छोड़ने का एक बड़ा मामला आया है। प्रदेश के जीएसटी के एडिशनल कमिश्नर केआर झारिया ने वीआरएस के लिए आवेदन दे दिया है। हालांकि जीएसटी मंत्री टीएस सिंहदेव ने विभाग से वीआरएस मंजूर न करने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं। विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।
झारिया ने वीआरएस का फैसला गुरुवार को जीएसटी कमिश्नर रानू साहू से हुए विवाद के बाद लिया था। उसके बाद शुक्रवार शाम साहू के दफ्तर में जमा करवा दिया है। दोनों के बीच विभाग के प्रवर्तन विंग की कार्यवाहियों को लेकर विवाद हुआ था।
कारवाई की चर्चा के दौरान विवाद
विभागीय अधिकारियों की माने तो गुरुवार को जीएसटी कमिश्नर रानू साहू और एडिशनल कमिश्नर केआर झारिया के बीच जीएसटी कार्रवाइयों को लेकर चर्चा चल रही थी। साहू इस बात से नाराज थीं कि झारिया, अपने द्वारा की गई कार्यवाहियों के बाद सूचना के रूप में नस्तियां प्रस्तुत कर रहे थे और कारोबारियों को नोटिस दिए बिना कार्यवाही कर रहे थे। ये मामले विभाग के प्रवर्तन विंग के थे, जो झारिया के जिम्मे नहीं है। रानू साहू का कहना था कि झारिया को न कार्यवाही का अधिकार था न कर चोरी का उल्लेख। इस बात को लेकर व्यापारियों ने उनकी शिकायत भी की थी।
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विभाग में नाराजगी
इस मुद्दे पर दोनों के बीच ऊंची आवाज में बातें हुईं और झारिया, कमिश्नर के कमरे से बाहर निकल गए। इसमें ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया जो स्वीकार्य नहीं थे। इसके बाद से वे बहुत आहत महसूस कर रहे थे और उसके बाद झारिया, वीआरएस का फैसला करते हुए शुक्रवार शाम को ही अपना आवेदन, कमिश्नर के यहां देकर घर लौट गए। झारिया के साथ हुई इस घटना से विभाग में तरह-तरह की चर्चाएं है।
रिटायरमेंट का 2 साल बाकी
झारिया के रिटायरमेंट में अभी दो साल बाकी हैं। बताया जा रहा है कि सारे विवाद के मूल में विभाग के दो आला अफसरों के बीच मनमुटाव मुख्य कारण है, जिसका खामियाजा निचले स्तर के अफसरों को भुगतना पड़ रहा है । इसको लेकर विभाग के लोगों में नाराजगी है। मामले की जानकारी होने पर जीएसटी मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि वीआरएस देने की जानकारी मिली है और विभाग से कहा है कि स्वीकार न करें। काबिल व्यक्ति हैं उनके कैरियर से खिलवाड़ न हो। विवाद क्या था उसकी जानकारी ले रहा हूं।