लखनऊ। यूपी चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी जन विश्वास यात्रा के बाद अब ब्राह्मणों को रिझाने के लिए अपने नेताओं की फौज मैदान में उतारने जा रही है। इसमें सबसे खास नाम केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी (Ajay Mishra Teni) का है। जिनके इस्तीफे की विपक्ष से लेकर किसान नेताओं तक मांग कर रहे हैं। लेकिन बीजेपी आलाकमान अजय मिश्र टेनी का कद और बढ़ाकर यूपी में उन्हें चुनाव प्रचार में उतारने जा रही है।
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कल दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और यूपी चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान के बीच हुई बैठक में यूपी के 16 ब्राह्मण नेताओं की एक टीम बनाई गई। ये सभी ब्राह्मण नेता अपने अपने इलाकों में 403 विधानसभाओं में जाएंगे और अपने समाज के लोगों से मुलाकात कर भाजपा में उनके कद और उनके लिए किए गए कार्यों की जानकारी देंगे। इसके पीछे बीजेपी का मकसद यूपी में ब्राह्मणों की नाराजगी को दूर करना है। क्योकि कहा जाता है कि यूपी में ब्राह्मण बीजेपी से नाराज हैं, उन्हें अब मनाने के लिए उनकी बिरादरी के 16 नेताओं को मैदान में उतारा जा रहा है।
दिल्ली में नड्डा से मुलाकात आज
आज बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात करेंगे। जिसमें अजय मिश्रा टेनी (Ajay Mishra Teni) भी शामिल हो सकते हैं। जेपी गड्ढा इन नेताओं को किस रणनीति के तहत जमीन पर काम करना है। इसकी रूपरेखा उन्हें बताएंगे, इसके बाद यह सभी 16 नेता अपने-अपने क्षेत्र में जाकर और ब्राह्मणों को रिझाने का कार्य करेंगे। ब्राह्मण मतदाता यूपी में इस बार सभी पार्टियों की निगाहों पर है बीएसपी जहां सतीश चंद्र मिश्रा को आगे कर दो हजार सात के फार्मूले को दोहराना चाहती है वही अखिलेश यादव भी अपने ब्राह्मण नेताओं को आगे कर प्रबुद्ध सम्मेलन और भगवान परशुराम की प्रतिमा लगाकर उन्हें अपने पाले में करने की कोशिश कर रहे हैं बीजेपी अब 16 सदस्य ब्राह्मण नेताओं की टीम बनाकर इनकी नाराजगी दूर करने की कोशिश करेगी।
इन नेताओं को मिली जिम्मेदारी
बीजेपी ने अजय मिश्रा टेनी (Ajay Mishra Teni) के अलावा डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा, सतीश द्विवेदी, आनंद स्वरूप, शिव प्रताप शुक्ला, महेश शर्मा, ब्रजेश पाठक, श्रीकांत शर्मा, जितिन प्रसाद, अभिजात मिश्रा, सांसद रमापति त्रिपाठी जैसे बड़े ब्राह्मण नेताओं को समिति का सदस्य बनाया है। बता दे यूपी में करीब 12 प्रतिशत ब्राह्मण मतदाता हैं और यह 50 से ज्यादा सीटों पर जीत हार का समीकरण बनाने और बिगाड़ने की हैसियत रखते हैं, उनकी यही संख्या देख कर सभी पार्टियों की नजर ब्राह्मणों पर हैं।