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Breaking : मुंबई जैसा ही रायपुर में ड्रग रैकेट, GRP का आरक्षक निकला फाइनेंसर

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रायपुर। राजधानी में गिरफ्तार हुए दो ड्रग पैडलर्स के बाद पुलिस को आज बड़ी सफलता मिली है। ड्रग्स और कोकीन के मामलें में रायपुर पुलिस ने 7 लड़कों को गिरफ्तार किया है। इन 7 लड़कों से तकरीबन 15 लाख रुपए का कोकीन बरामद किया गया है। राजधानी के पुलिस कप्तान ने अजय यादव ने इस मामलें का खुलासा किया है।

रायपुर SSP अजय यादव ने बताया कि ये सभी लड़के रायपुर से दुर्ग और बिलासपुर तक ड्रग्स की स्मगलिंग करते थे। 30 सितंबर को पुलिस के हत्थे चढ़े आरोपी श्रेयांस झाबक और विकास बंछोर से पूछताछ और कड़ी मेहनत के बाद ये सात आरोपी हिरासत में लिए गए है।

यादव ने कहा कि इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों के संबंध में पूछताछ की गई। जिसके बाद कड़ी जोड़ते हुए बिलासपुर के मिन्हाज मेमन तक जाँच पहुंची। मेमन ने ही बिलासपुर में सबसे पहले ड्रग और कोकीन सप्लाई का धंधा शुरू किया था। जिसके बाद उसने अभिषेक उर्फ डेविड को अपने साथ शामिल किया।

ये दोनों इसी दौरान पुणे जाकर 02 – 03 बार ड्रग्स लेकर रायपुर व बिलासपुर में बिक्री कर रहे थे,लेकिन पैसो के विवाद ने इनके बिच दूरियां बधाई और दोनों अलग अलग धंधा करने लगे।

अभिषेक का था नेटवर्क
एसएसपी अजय यादव ने बताया कि ड्रग्स के कारोबार में अभिषेक का अच्छा नेटवर्क है। अलग कारोबार करने के दौरान अभिषेक अपने अन्य साथी एलिन सोरेन के संपर्क में आया। एलिन सोरेन गोवा में रहकर होटल मैजेनमेंट की पढ़ाई करता है, इसी दौरान वह गोवा में ड्रग्स का कारोबार करने वाले नाइजीरियन (नीग्रो) के संपर्क में आया तथा वह भी इस व्यवसाय में जुड़ गया। एलिन सोरेन ने गोवा में अभिषेक शुक्ला उर्फ डेविड़ का संपर्क नाइजीरियन (नीग्रो) से कराया तब से अभिषेक अपने पेडलर रोहित आहूजा और राकेश अरोरा के साथ कई बार जाकर ड्रग्स गोवा से लेकर आये और बिक्री करने लगे।

आरक्षक करता था फाइनेंस
यादव ने बताया कि लक्ष्मण गाईन जो जी.आर.पी. में आरक्षक के पद पर बिलासपुर में कार्यरत है, वो अभिषेक को ड्रग्स के लिये पैसा फायनेंस करता था। अभिषेक और लक्ष्मण बिलासपुर में क्रिकेट खेलने के दौरान संपर्क में आये थे। तब से कई बार लक्ष्मण की वर्ना कार से भी ड्रग्स लेने गोवा गये है। दिनांक 27.09.2020 को भी लक्ष्मण और अभिषेक रायपुर में ड्रग्स की डिलीवरी करने आये थे, जो पुलिस को भनक लगने पर भाग गये थे। रोहित और राकेश अरोरा को रायपुर व बिलासपुर में एक बार का ड्रग्स सप्लाई करने पर 1,000/- रूपये अभिषेक द्वारा दिया जाता था। चूंकि राकेश और रोहित गरीब तपके से है इसलिये अभिषेक ने उनको पैसा उधार लेने पर 08 प्रतिशत ब्याज लेकर दबा रखा था और राकेश की एक्टिवा वाहन को भी रख लिया था।

साथियों के गिरफ़्तारी के बाद फेंका मोबाइल
पुलिस ने बताया कि अभिषेक और लक्ष्मण गाईन के रायपुर आने की भनक और फिर विकास बंछोर और श्रेयांस झाबक की गिरफ्तारी के बाद लक्ष्मण गाईन गिरफ़्तारी होने से बचने के लिए अपना मोबाइल फोन फेंक दिया था। लक्ष्मण नया मोबाईल नंबर लेकर अपने रिश्तेदारी में इलाहाबाद जाकर छिप गया था, जिसे तत्परता पूर्वक सायबर सेल की टीम द्वारा इलाहाबाद से हिरासत में लेकर रायपुर लाकर पूछताछ किया गया तो उसने संपूर्ण ड्रग्स रैकेट का खुलासा किया। लक्ष्मण की निशानदेही पर आरोपी अभिषेक उर्फ डेविड द्वारा तिफरा बिलासपुर स्थित घर से 93 ग्राम एम.डी.एम.ए. कीमती लगभग 15,00,000/-रूपये जप्त किया गया। आरोपी ने पूछताछ में बताया कि उसके साथ इस काले कारोबार में मिन्हाज मेमन उर्फ हनी एलिन सोरेन, रोहित आहूजा, राकेश अरोरा उर्फ सोनू, लक्ष्मण गाईन एवं अब्दुल अजीज उर्फ सद्दाम जुड़े है। जिसके आधार पर आरोपी मोह0 मिन्हाज उर्फ हनी, एलेन सोरेन, रोहित आहूजा, राकेश अरोरा, अब्दुल अजीम उर्फ सद्दाम एवं लक्ष्मण गाईन को बिलासपुर के अलग – अलग स्थानों से पकड़कर गिरफ्तार किया गया।

रायपुर के ड्रग्स कारोबारी फ़रार
SSP अजय यादव ने बताया कि रायपुर के 05 अन्य ड्रग्स कारोबारी का नाम सामने आया है, जो आरोपी श्रेयांस झाबक एवं विकास बंछोर की गिरफ्तारी के बाद से फरार हो गये है, जिनकी पतासाजी की जा रही है। इसके अलावा कई अन्य ग्राहक जो ड्रग्स क्रय करते थे, सभी फरार हो गये है, जिनकी पतासाजी की जा रही है। ऐसी जानकारी प्राप्त हुई कि आरोपी मिन्हाज मेमन अपने साथी सद्दाम के साथ रायपुर के कई क्लबों में भी ड्रग्स की सप्लाई करता था, जिसके संबंध में विस्तृत पूछताछ करते हुये जानकारी एकत्रित की जा रही है। आरोपियों द्वारा ड्रग्स की लत लगाने के लिये ग्राहकों को पहले सस्ते दाम में ड्रग्स दिया जाता है और लत लगने के बाद अधिक दामों में बिक्री किया जाता था।