नई दिल्ली। न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी सहित कृषि कानूनों और अन्य मुद्दों के खिलाफ 15 महीने से अधिक समय से विरोध कर रहे किसानों ने आंदोलन ख़त्म करने की घोषणा की है। किसान शनिवार 11 दिसंबर को अपना विरोध प्रदर्शन समाप्त करेंगे।
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किसान संघों ने आज शाम 5:30 बजे फतेह अरदास और दिल्ली की सीमाओं पर सिंघू और टिकरी विरोध स्थलों पर 11 दिसंबर को सुबह 9 बजे के आसपास फतेह मार्च की योजना बनाई है। इधर पंजाब के किसान नेताओं ने 13 दिसंबर को अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में मत्था टेकने की भी योजना है। संयुक्त किसान मोर्चा 15 जनवरी को दिल्ली में एक और बैठक करेगा।
Farmers start removing tents from their protest site in Singhu on Delhi-Haryana
"We are preparing to leave for our homes, but the final decision will be taken by Samyukt Kisan Morcha," a farmer says pic.twitter.com/rzRjPkPfE1
— ANI (@ANI) December 9, 2021
केंद्र ने कल किसान मोर्चा की पांच सदस्यीय समिति को एक लिखित मसौदा प्रस्ताव भेजा था, जिसमें एसकेएम की ओर से पीएम मोदी को 21 नवंबर को लिखे गए। इस पत्र में छह मांगों को सूचीबद्ध किया गया था।
किसानों ने इंगित किया था कि विवादास्पद कानूनों को निरस्त करना उनके द्वारा उठाए गए कई चिंताओं में से एक था, और पीएम मोदी द्वारा कानूनों को रद्द करने की घोषणा करने और उन्हें वापस जाने का अनुरोध करने के बाद छोड़ने से इनकार कर दिया।
एमएसपी मुद्दे पर बनेगी समिति
केंद्र अपनी पेशकश के तहत एमएसपी मुद्दे पर फैसला करने के लिए एक समिति बनाएगा। समिति में सरकारी अधिकारी, कृषि विशेषज्ञ और संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधि शामिल होंगे, जिसने इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया है।
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सूत्रों ने यह भी कहा था कि केंद्र किसानों के खिलाफ सभी पुलिस मामलों को छोड़ने पर सहमत हो गया है। इसमें पिछले कई महीनों में सुरक्षा बलों के साथ हिंसक झड़पों के संबंध में हरियाणा और उत्तर प्रदेश द्वारा दर्ज की गई पराली जलाने की शिकायतें शामिल हैं।