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उसना मिलरों के लिए योगेश ने सरकार को दिया प्रस्ताव, दें फ्री सेल और एक्सपोर्ट की अनुमति

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रायपुर। छत्तीसगढ़ से सेंट्रल पूल में उसना चावल नहीं लेने के केंद्र सरकार के फैसले से प्रदेश के उसने मिलर्स के बीच हड़कंप मचा हुआ है। हालांकि इस हड़कंप से प्रदेश की सरकार ही मिलों को एक बड़ी राहत दे सकती है। सूबे के तमाम उसना राइस मिलर इस मामले पर एक प्रस्ताव मुख्यमंत्री के समक्ष रखने जा रहे है।

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गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने उसना चावल केंद्रीय पूल से नहीं लिए जाने के फैसले के बाद छत्तीसगढ़ के 400 उसना राईस मिलो में उहापोह की स्थिति बनी हुई है। जिसके बाद राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को पत्राचार कर उसना चावल भी केंद्रीय पूल में लेने के लिए अपनी मांग रखी है।

इधर प्रदेश भर के तमाम उसना राइस मिल मालिकों का यह कहना है कि राज्य सरकार अगर उन्हें कस्टम मिलिंग की अनिवार्यता से मुक्त करते हुए उसना चावल के फ्री सेल और एक्सपोर्ट की अनुमति अगर देता है, तो ऐसे में इस भीषण संकट से बहुत आसानी से निकला जा सकता है। इसके साथ ही उसना मिलर सरकार के पास शेष धान की खरीदी करने के लिए भी तैयार है।

कस्टम मिलिंग अनुबंध बन रहा रोड़ा

राइस मिल मालिकों ने बताया कि राज्य सरकार प्रदेश की सभी अट्ठारह सौ राइस मिलों से धान की कस्टम मिलिंग के लिए पंजीयन और अनुबंध करती है। इस अनुबंध में जो शर्तें होती हैं उसके मुताबिक धान खरीदी शुरू होने के दिन से समाप्त होने तक यानी करीब 3 माह राइस मिलर केवल कस्टम मिलिंग का ही काम करेंगे।

इस बार जब केंद्र सरकार ने यह स्पष्ट कहा है कि उसना चावल नहीं लिया जाएगा, तो यह चावल तैयार करने वाले मिलर के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है। जिसे देखते हुए हैं मिल मालिकों ने राज्य सरकार से अनुमति को लेकर गुहार लगाई है।

उसना मिल के लिए योगेश ने दिया प्रस्ताव

इधर छत्तीसगढ़ राइस मिलर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष योगेश अग्रवाल ने कहा कि राज्य सरकार उसना मिलरों को फ्री सेल और एक्सपोर्ट की अनुमति जारी कर दें, तो इस पूरे मामले से आसानी से निपटा जा सकता है।

उन्होंने आगे कहा कि अभी मिलरों में भी यह आशंका है कि मिल बंद हो सकते हैं, बड़ा नुकसान होगा, यहां काम करने वाले मजदूरों को भी इस बात की चिंता सता रही है कि, अगर मिल बंद हो गई तो उनकी रोजी-रोटी कहां से चलेगी।

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इन सारी आशंकाओं को राज्य सरकार एक मंजूरी देकर समाप्त कर सकती है। इसके लिए मैंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से आज पत्र लिखकर एक प्रस्ताव भी भेजा है। जिसमें यदि वह सहमति देते हैं, तो प्रदेश के 400 से ज्यादा राइस मिलर जो उसना चावल तैयार करने का काम करते हैं उनका भविष्य पूरी तरह से सुरक्षित रहेगा। योगेश अग्रवाल ने खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल से भी इस संबंध में चर्चा की है।