अयोध्या। पिछले दो माह से इसी दिशा में चल रही क़वायद के बाद आखिरकार टाटा ग्रुप के स्वामित्व वाली कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज को राम मंदिर ट्रस्ट के अकाउंट सँभालने ने की ज़िम्मेदारी मिल गयी है। टाटा ग्रुप (Tata Group) के अधिकारियों ने बुधवार को राम मंदिर समिति की बैठक में अपने तैयार किये प्रेजेंटेशन को मंदिर समिति के सामने प्रस्तुत किया। जिसके बाद मंदिर समिति ने इसकी सहमति प्रदान कर दी। सहमति मिलने के बाद अब टाटा ग्रुप दिसंबर माह से राम मंदिर ट्रस्ट (Tata Group) के अकाउंट आधिकारिक रूप से संभालेगा।
राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय ने बताया कि वह टाटा ग्रुप के प्रेजेंटेशन से पूरी तरह सहमत हैं । हमने ट्रस्ट की जरूरतों के मद्देनजर टाटा समूह से विचार विमर्श कर लिया है। जिसके तहत सभी बातों और शर्तों पर सहमति बन चुकी है। अब दिसंबर माह से टाटा ग्रुप पूरी तरह से राम मंदिर ट्रस्ट के अकाउंट संभालेगा।
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बिजली के लिए उत्तम व्यवस्था
राम मंदिर निर्माण (Tata Group) से जुड़ी जानकारी साझा करते हुए मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय ने बताया है कि समस्त राम मंदिर परिसर आधुनिक तकनीकी से लैस होगा। बिजली आपूर्ति के लिए तार का इस्तेमाल नहीं होगा, जिस तरह आधुनिक साउंड बिना तार के बजता है वैसे ही मंदिर परिसर में बिजली की भी व्यवस्था की जाएगी। मंदिर की सुरक्षा भी विश्वस्तरीय होगी। मंदिर परिसर में हमेशा दिन-रात भजन बजते रहेंगे।
मंदिर निर्माण की रणनीति
रणनीतिक रूप से मंदिर निर्माण को लेकर चम्पत राय ने कहा कि राम मंदिर के गर्भ गृह का निर्माण इस रूप में किया जाएगा कि जिससे सूर्य की किरणें सीधे रामलला तक पहुंच सकें। इस रणनीति में कोई भी चूक ना होने पाए इसके लिए सूर्य की खगोलीय स्थिति पर भी अध्ययन किया जा रहा है। इस अध्ययन के लिए राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की भी मदद मांगी गई है। इसके अलावा राम मंदिर की आधार भूमि निर्माण की ढलाई एक अक्टूबर से शुरू हो चुकी है । अक्टूबर माह में ही इसका निर्माण कार्य पूर्ण करने की बात कही जा रही है। आधार भूमि की कुल ऊंचाई 1.5 मीटर होगी। अनुमानित रूप से दिसंबर 2023 में राम मंदिर का निर्माण कार्य पूर्ण हो जाएगा। रामलला अपने आसन पर विराजमान हो जाएंगे।