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विधानसभा उपाध्यक्ष के लिए विधायकों को जोड़ने- तोड़ने में जुटी बीजेपी

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष पद (vidhansabha upadhyaksh)  पर चुनाव 18 अक्टूबर को किया जाएगा। विधानसभा के 18वें उपाध्यक्ष पद के लिए नामांकन होने के बाद मतदान कराया जाएगा। इस बीच राज्य सरकार अपने विधायी कार्य भी निबटाने का काम करेगी।

उत्तर प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष पद (vidhansabha upadhyaksh)  पर चुनाव 18 अक्टूबर को किया जाएगा। विधानसभा के 18वें उपाध्यक्ष पद के लिए विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से आज अनन्तिम रूप से कार्यक्रम घोषित किया गया। इसमें कहा गया है कि अन्य विधायी कार्यो के साथ ही राज्य सरकार उत्तर प्रदेश औद्योगिक शांति (मजदूरी का यथासमय संदाय) (संसोधन) अध्यादेश 2021 (उत्तर प्रदेश अध्यादेश संख्या 7 सन 2021) भी पारित कराने का काम करेगी।

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उपाध्यक्ष पद पर चुनाव नामांकन

विधानसभा उपाध्यक्ष (vidhansabha upadhyaksh) चुनाव के लिए 17 अक्तूबर को सुबह 11 से दोपहर एक बजे तक नामांकन दाखिल किए जाएंगे। उपाध्यक्ष चुनाव के लिए नामांकन पत्र विधानसभा सचिव के कक्ष से मिलेगा। कोई भी विधानसभा सदस्य नामांकन पत्र भरकर विधानसभा सचिव के समक्ष जमा कर सकते है। इसके बाद 18 अक्तूबर को सुबह 11 बजे विधानसभा मंडप में उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव होगा।

उपाध्यक्ष पद पर कब्ज़ा करने बीजेपी बना रही रणनीति

पूर्व में उपाध्यक्ष (vidhansabha upadhyaksh) का पद विपक्ष के पास रहा करता था । लेकिन इस बार विपक्ष को संभावना है कि उपाध्यक्ष पद भी भाजपा अपने पास ही रखना चाहेगी। सत्ताधारी दल भाजपा (BJP) ने अपने सभी विधायकों को एक दिन पहले ही लखनऊ पहुंचने को कहा है। संभावना इस बात की भी है कि नरेश अग्रवाल खेमे को पार्टी से जोडे रखने के लिए उनके बेटे एवं हरदोई से सपा विधायक नितिन अग्रवाल को उपाध्यक्ष पद के लिए भाजपा चुनाव में उतारेगी।

बीजेपी नाकामी छिपा रही

उधर समाजवादी पार्टी भी अपना प्रत्याशी उतारने की तैयारी में है। हांलाकि वोटिंग होने पर सपा के प्रत्याशी के हारने की पूरी उम्मीद है। विपक्षी दलों का कहना है कि भाजपा अब छह महीने बाद अपनी नाकामी छिपाने के लिए यह सब कर रही है। साढे चार साल तक उसे उपाध्यक्ष पद की याद नहीं आई।अब जब विधानसभा का चुनाव नजदीक है तो उसे विधानसभा उपाध्यक्ष की याद आ रही है। यह सब चुनाव नजदीक देखकर ही किया जा रहा है।