नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वित्त वर्ष 2022 की अक्टूबर मौद्रिक नीति समीक्षा की है। इस दौरान रिजर्व बैंक ने अपनी प्रमुख अल्पकालिक उधार दरों को बरकरार रखा। इसके अलावा आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए विकासोन्मुखी समायोजनात्मक रुख को बरकरार रखा गया।
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इसके अनुसार केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने वाणिज्यिक बैंकों के लिए रेपो दर या अल्पकालिक उधार दर को 4 प्रतिशत पर बनाए रखने के लिए सहमति जताई।
इसी तरह RBI रिवर्स रेपो दर को 3.35 प्रतिशत और सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) दर और ‘बैंक दर’ को 4.25 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा गया था। व्यापक रूप से यह अपेक्षा की गई थी कि एमपीसी दरें और समायोजनात्मक रुख बनाए रखेगी।
RBI गवर्नर बोले समर्थन जारी रहेगा
मौद्रिक नीति बैठक के बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि “रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया सरकार के उधार कार्यक्रम को व्यवस्थित रूप से पूरा करने के लिए बाजार का समर्थन करना जारी रखेगा।
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वहीं आरबीआई आवश्यकता पड़ने पर अलग-अलग मात्रा में फाइन-ट्यूनिंग संचालन करने के लिए लचीलापन रखता है। उन्होंने कहा कि इन सभी परिचालनों के साथ भी, फिक्स्ड रेट रिवर्स रेपो के तहत अवशोषित तरलता अभी भी दिसंबर 2021 के पहले सप्ताह में लगभग 2 से 3 लाख करोड़ रुपये होगी।