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BREAKING: अब बायोलॉजी के स्टूडेंट भी बनेंगे इंजीनियर, गणित की अनिवार्यता खत्म

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भिलाई। अब गणित के बगैर भी इंजीनियरिंग (Engineering) की जा सकती है। इस साल पीईटी (PET) में बायोलॉजी विषय के विद्यार्थियों ने भी आवेदन किया है। अभी तक इंजीनियरिंग कॉलेजों के एडमिशन में गणित और फिजिक्स अनिवार्य था। इस नियम को समाप्त कर दिया गया।

अब बायोलॉजी के विद्यार्थी भी इंजीनियर (Engineering)  बन सकेंगे। तकनीकी शिक्षा संचालनालय सात अक्टूबर से इंजीनियरिंग व फार्मेसी की काउंसलिंग शुरू करा रहा है। इसमें बायोलॉजी विद्यार्थियों को भी इंजीनियरिंग कॉलेज चुनने का मौका मिलेगा। डीटीई ने काउंसलिंग सॉफ्टवेयर में भी इसकी व्यवस्था कर दी है। सॉफ्टवेयर से पीसीएम को अनिवार्य बताने वाला सिस्टम हटाया गया है। विद्यार्थियों को प्रथम चरण काउंसलिंग में 20 अक्टूबर तक कॉलेजों में जाकर एडमिशन पक्के करने होंगे, इसके बाद केंद्रीय अनुमति से आगे के राउंड होंगे। इंजीनियरिंग कॉलेज संचालकों को उम्मीद है कि अबके साल बायोलॉजी छात्रों के जरिए इंजीनियरिंग में एडमिशन ग्राफ में बढ़ोतरी होगी।

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शेष दो चरण एआईसीटीई की मंजूरी से

अभी डीटीई (DTE) ने इंजीनियरिंग और फार्मेसी काउंसलिंग कराने के लिए सिर्फ पहले ही चरण का शेड्यूल जारी किया है, जबकि शेष दो चरण अभी घोषित नहीं किए गए हैं। दरअसल, तकनीकी पाठ्यक्रमों में प्रवेश देने एआईसीटीई ने 20 अक्टूबर तक तिथि निर्धारित की है। यानी सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी लेने के बाद जैसे ही एआईसीटीई एडमिशन तिथि में विस्तार करेगा, तब डीटीई भी काउंसलिंग के शेष दो चरण कि काउंसलिंग का शेड्यूल घोषित कर देगा।

कहीं से भी कराइए सत्यापन

काउंसलिंग (Engineering)  के दौरान आपको दस्तावेजों का सत्यापन कराना होगा। सत्यापन कराने वेरीफिकेशन सेंटर यानी डीवीसी केंद्र बढ़ाए गए हैं। पहले जहां 25 डीवीसी केंद्र हुआ करते थे, वहीं इस बार 6 नए केंद्र बनेंगे। इनमें खास बात यह है कि छात्र किसी भी डीवीसी केंद्र में सत्यापन करा सकता है। उसे जिले में आकर सत्यापन कराने की अनिवार्यता नहीं होगी। नया डीवीसी सेंटर बेरला में भी बनाया गया है, क्योंकि अब यहां पॉलीटेक्निक कॉलेज पूरी तरह से स्थापित हो चुका है। कोंडागांव, सूरजपूर भाटापारा, कोरबा और बिलासपुर में नए केंद्र बनाए गए हैं। इस पहल का मकसद भीड़ को कम रखते हुए विद्यार्थियों को कोरोना महामारी के खतरे से सुरक्षित रखना है।

ये भी बनेंगे इंजीनियर

इंजीनियरिंग के लिए 14 विषयों में से कोई तीन ही जरूरी रह गए हैं। पहले गणित और फिजिक्स अनिवार्य होता था। अब 14 विषय जिनमें भौतिकी, गणित, रसायन, कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी, बायोलॉजी, इंफोमैटिक प्रैक्टिस, जैव प्रौद्योगिकी, तकनीकी व्यावसायिक विषय, एग्रीकल्चर, ग्राफिक्स, बिजनेस स्टडीज, एंटप्रेन्योरशिप में से कोई तीन के साथ 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले इंजीनियरिंग में प्रवेश लेंगे।