रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेताओं में शुमार, विधायक ननकीराम कंवर और सांसद चुन्नीलाल साहू ने मुख्यमंत्री को संविदा मुख्यमंत्री करार दिया है। दोनों नेताओं ने मेडिकल कॉलेज की खरीदी और सूबे के तीन मेडिकल कॉलेजों को खोलने के मामलें में सरकार पर निशाना साधा है।
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भाजपा विधायक ननकीराम कँवर और सांसद चुन्नीलाल साहू ने एक संयुक्त बयान ज़ारी कर कहा कि “संविदा सचिव के भरोसे चिकित्सा विभाग संचालित कर रहे “संविदा मुख्यमंत्री” भूपेश बघेल की नीयत इन चिकित्सा महाविद्यालयों को आरंभ करने की नहीं दिख रही है।”
“इन तीनों चिकित्सा महाविद्यालयों को लेकर पिछले माह नेशनल मेडिकल कमीशन द्वारा किए गए निरीक्षण की रिपोर्ट के मुताबिक़ कोरबा को छोड़कर शेष दोनों महाविद्यालयों में फैकल्टी के 50 प्रतिशत से अधिक पद खाली होने के कारण महासमुंद व काँकेर में कॉलेज खुलना खटाई में पड़ा हुआ है।”
इधर इस मामलें में भाजपा नेता और सासंद चुन्नीलाल साहू ने कहा कि “कोरबा में 46, महासमुंद में 56 और काँकेर में 92 फ़ीसदी पद अब तक भरे नहीं जा सके हैं। इसी तरह कॉलेज भवन, गर्ल्स-ब्वॉयज़ हॉस्टल, फैकल्टी के लिए क्वार्टर्स, नर्सिंग क्वार्टर्स समेत दीग़र कई और कमियाँ एनएमसी ने पाई हैं। यदि चिकित्सा शिक्षा विभाग ने दी गई मोहलत में इन कमियों को पूरा नहीं किया गया तो फिर इन महाविद्यालयों में छात्रों को दाख़िले की अनुमति मिलना बेहद मुश्क़िल होगा।”
विधायक ननकीराम ने इस बात पर हैरत जताई कि “केंद्र सरकार की इस स्कीम के तहत तीनों कॉलेजों के लिए 50-50 करोड़ रुपए की फर्स्ट फ़ेज़ में जारी हो चुकी है, लेकिन प्रदेश सरकार अपने कार्यकाल में कॉलेज के लिए ज़मीन का अधिग्रहण तक नहीं कर पाई है! महासमुंद और काँकेर के दिखाए गए भवन एनएमसी के मापदंड के अनुकूल नहीं हैं।
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भाजपा नेताओं ने कहा कि प्रदेश सरकार की इन महाविद्यालयों को लेकर बदनीयती शुरू से ही नज़र आ रही है। पहले भी जीएसटी की अदायगी नहीं करने और दीग़र ज़रूरी दस्तावेज़ तैयार नहीं होने के कारण इन महाविद्यालयों की मान्यता खटाई में पड़ चुकी थी।”