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भैयाजी स्पेशल: क्वींस क्लब संचालक को फायदा पहुंचाने जिम्मेदारों ने तोड़े नियम, अब छिपा रहे ये जानकारियां

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रायपुर। राजधानी में संचालित क्वींस क्लब (Queens Club) के जिम्मेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए हाउसिं बोर्ड के अफसरों ने नियमों को तार-तार कर दिया। क्वींस क्लब संचालक को फायदा पहुंचाने के लिए तत्कालीन अधिकारियों ने कारोबारियों के साथ मिलकर जमकर खेल खेला। अब अवैध निर्माण में सवाल उठने के बाद जिम्मेदार अपना मुंह छिपा रहे है। क्लब का संचालन अनुबंध के नियमों के विपरीत हो रहा था और अफसर मूकदर्शक बने रहे।

अवैध निर्माण को दी छूट

हाउसिंग बोर्ड के जानकारों की मानें तो तो तत्कालीन अधिकारियों ने क्वींस क्लब (Queens Club) का निर्माण करने के दौरान कारोबारी की एप्रोच के चलते रास्ते के नियमों का अदला-बदली कर अवैध निर्माण की छूट दे दी। अपनी पहुंच का फायदा इस कदर कारोबारी ने उठाया कि, आस पास रहने वाले जनप्रतिनिधियों और अफसरों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे रास्ते को भी बाउंड्री खड़ा करके बंद कर दिया। यह मामला विधानसभा में हर बार उठता रहा, लेकिन कारोबारी पर किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की गई।

निविदा से पहले तय हो गया था कारोबारी का नाम

छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड ने वर्ष 2008 में सोशल एंड हेल्थ क्लब निर्माण के नाम से निविदा निकाली थी। निविदा में और कोई भाग न ले सके, इसकी पहले से ही बोर्ड के अफसरों ने मिलीभगत कर कारोबारी के कहे अनुसार शर्त तैयार की। निविदा अकेले शहर के रसूखदार हरबख्श सिंह बत्रा की फर्म एमीनेंट इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड. ने भरी और वह स्वीकार कर ली गई। क्वींस क्लब बनाने के लिए करीब दो एकड़ सरकारी जमीन सारे नियमों को दरकिनार कर हाउसिंग बोर्ड ने 10 फरवरी 2009 को 30 साल की लीज पर दे दी।

हाउसिंग बोर्ड को लेना है बकाया

जमीन लीज में देने के दरमियान शर्त के अनुसार एक समय के लिए अनुबंध की साइनिंग फीस 1 करोड़ 17 लाख रुपये और सालाना फीस हर साल 1 अप्रैल को 12 लाख रुपये देनी थी। कारोबारी हरबख्श सिंह बत्रा की फर्म ने बोर्ड को 16 लाख से ज्यादा का भुगतान अब तक नहीं किया है। जानकारों का कहना है कि यह अनुबंध शर्तो की कंडिका 205 एवं धारा 7 का उल्लंघन है।

रसूखदारों पर मेहरबान बोर्ड अफसर

क्लब (Queens Club) को BOT के तहत चलाने के लिए हाउसिंग बोर्ड ने एग्रीमेंट किया था। लीजधारी हरबख्श सिंह बत्रा ने अक्टूबर 2019 तक क्लब का संचालन किया। कारोबारी बत्रा ने नवंबर 2019 में हाउसिंग बोर्ड की इजाजत के बिना हर्षित सिंघानिया समेत अन्य कारोबारियों को एग्रीमेंट करके क्लब को दे दिया। नवंबर 2019 से ये लोग क्लब का संचालन करते आ रहे हैं। मामलें की जानकारी होने के बाद भी हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों ने कोई भी कार्रवाई नहीं की।

कारोबारी को थमाया नोटिस

छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल ने लीजधारी हरबक्श सिंह बत्रा को नोटिस भेजकर 10 दिनों में जवाब मांगा है। इसमें कहा गया है कि किसी अन्य को क्लब का हस्तांतरण करना लीज के अनुबंध का उल्लंघन है। लाकडाउन में क्लब को संचालित करने पर कानूनी और लीज खत्म करने की कार्रवाई स्पष्टीकरण आने के बाद करने की बात गृह निर्माण मंडल के जिम्मेदार कह रहे है।