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गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान को टाइगर रिजर्व बनाने का रास्ता साफ, NTCA की तकनीकी समिति ने दी अनुमति

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रायपुर। छत्तीसगढ में चौथे बाघ अभयारण्य (tiger reserve) का रास्ता अब साफ हो गया है। इसके लिए अधिसूचना जारी कर दी है। बाघों के संरक्षण के लिए कोरिया जिले में स्थित गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान को टाइगर रिजर्व बनाने का प्रयास वर्षों से चल रहा था। सरकार ने 2019 में इसका प्रस्ताव पारित किया। लेकिन, इसका स्पष्ट खाका तब भी तैयार नहीं था।

21 जून में पेश किया था नक्शा

वन विभाग के अधिकारियों ने 21 जून को हुई राज्य वन्य जीव बोर्ड की बैठक में गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व (tiger reserve)  का पूरा क्षेत्रफल और नक्शा पेश किया गया। इसका क्षेत्रफल 2 हजार 829 वर्ग किलोमीटर तय किया गया है। इसके कोर एरिया में 2 हजार 49 वर्ग किलोमीटर तथा बफर एरिया में 780 वर्ग किलोमीटर का जंगल होगा। बोर्ड की मंजूरी के बाद वन विभाग ने यह प्रस्ताव एनटीसी को भेज दिया। अब एनटीसी की तकनीकी समिति ने परीक्षण के बाद इस प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है।

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नए टाइगर रिजर्व में ये सबे

गुरु घासीदास नेशनल पार्क (tiger reserve)  कोरिया जिले के बैकुंठपुर सोनहत मार्ग पर पांच किलोमीटर की दूरी पर है। 2001 से पहले यह मध्य प्रदेश के सीधी स्थित संजय नेशनल पार्क का हिस्सा था। पार्क के अंदर हसदेव नदी बहती है और गोपद नदी का उद्गम है। पहाड़ों की शृंखला के अलावा साल, साजा, धावडा, कुसुम, तेंदू के पेड़ों और वनौषधियों से घिरे पार्क में बाघ, तेंदुआ, गौर, चिंकारा का प्राकृतिक निवास है।