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सरकारी मदों ने बढ़ाया जिले में सुगंधित चावल का रकबा

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बिलासपुर। राज्य सरकार की योजना का जिले में प्रभावी असर दिखाई दे रहा है। किसानों (KISHAN) को सरकार की तरफ से मदद मिली, तो किसानों ने पारंपरिक खेती से हटकर प्रयोग करना शुरू कर दिया है। किसानों के खेतों में सुंगधित धान के पौधे लहलहा रहे हैं। जिले के तीन हजार 722 किसानों ने परंपरागत धान बीज के अलावा उन्नत किस्म के और बाजार में ज्यादा में बिकने वाले धान बीज का उपयोग किया है। सुगंधित धान की श्रेणी में आने वाले बीजों से इस बार धान की फसल किसानों ने ली है।

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कृषि विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो यह आंकड़ा आने वाले दिनों में परिवर्तन की ओर इशारा कर रहा है। सात हजार 767 एकड़ में किसानों (KISHAN) ने इस बार सुगंधित धान की खेती की है। बीते दो वर्ष के आंकड़ों पर नजर डालें तो बमुश्किल 600 एकड़ में ही किसान सुगंधित धान की खेती करते थे। आंकड़ा निश्चित रूप से विभाग के अफसरों के लिए राहत वाली है। राज्य शासन ने सुगंधित धान की खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रदेशभर के जिलों के लिए लक्ष्य निर्धारित किया है। कृषि विभाग को जिले के लिए 14 हजार 654 एकड़ में सुगंधित धान की खेती का लक्ष्य तय किया है।

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राज्य सरकार दे रही प्रोत्साहन राशि

सुगंधित धान की खेती करने वाले किसानों (KISHAN) को राज्य शासन द्वारा प्रति एकड़ नौ हजार रूपये प्रोत्साहन राशि भी दी जा रही है। कृषि विभाग के अधिकारियों की मानें तो यह राशि खाद व बीज के लिए पयाज़्प्त है। इस राशि के जरिए किसान एक एकड़ में आराम से सुगंधित धान की उन्नतखेती कर सकते हैं। सरकारी मदद का ही असर है कि जिले में इस बार विशेष प्रजाति के धान का रकबा बढ़ गया है।