रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नवा रायपुर के सेक्टर 29 में नवीन उप पंजीयक कार्यालय का लोकार्पण किया। इस दौरान समारोह को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि “राज्य सरकार जन सुविधा की दृष्टि से आम जनता से जुड़ी सेवाओं की प्रक्रिया के सरलीकरण और बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।”
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नवा रायपुर में पंजीयन कार्यालय प्रारंभ होने से नवा रायपुर के 6 गांव, आरंग के 20 और अभनपुर विकासखंड के 15 गांव कुल 41 गांव के लोगों को पंजीयन कार्य की सुविधा मिलेगी। अभी उन्हें पंजीयन के लिए 40 किलोमीटर दूर रायपुर आना पड़ता था। नवा रायपुर में इस कार्यालय के प्रारंभ होने से उनके समय और श्रम की बचत होगी।
मुख्यमंत्री बघेल ने कार्यक्रम में पंजीयन विभाग के बैकलॉग दस्तावेजों की स्कैनिंग एवं डिजिटाइजेशन कार्य और डिजिटल ई-स्टाम्प सुविधा का भी शुभारंभ किया। उन्होंने नवा रायपुर स्थिति उप पंजीयक कार्यालय में पंजीयन कराने पहुंची ग्राम परसदा की रेखा कोसले से चर्चा की। कोसले ने मुख्यमंत्री को बताया कि “वह मंदिर हसौद में जमीन खरीद रही है। मंदिर हसौद में उनकी 962 वर्ग फीट जमीन का पंजीयन हुआ है। कार्यक्रम में कोसले को पंजीयन के दस्तावेज सौंपा गया।”
आम जनता से जुड़ी सेवाओं की प्रक्रिया के सरलीकरण और जनसुविधाओं के विस्तार के लिए प्रतिबद्ध: मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल
मुख्यमंत्री ने नवा रायपुर के सेक्टर 29 में नवीन उप पंजीयक कार्यालय का किया शुभारंभ
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— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) August 17, 2021
मुख्यमंत्री ने कहा कि “जनसुविधा को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2018 के बाद से अब तक 5 नये जिलों और 72 नयी तहसीलों की स्थापना का निर्णय लिया गया है। हम ऐसी योजनाएं बना रहे हैं, जिनमें उनका लाभ लोगों के दरवाजे तक पहुंचे। विभिन्न कार्यों में लगी स्व-सहायता समूह की महिलाओं के बैंक-खातों में सीधा भुगतान, ड्राइविंग लाइसेंस सहित आरटीओ से संबंधित 22 सेवाओं की घर पहुंच व्यवस्था जैसे बहुत निर्णयों से काम-काज का सरलीकरण हुआ है। नक्शा, खसरा, बी-1 जैसे अभिलेख अब ऑनलाइन उपलब्ध हैं।”
छत्तीसगढ़ में 98 पंजीयन कार्यालय
सीएम भूपेश बघेल ने इस दौरान कहा कि “छत्तीसगढ़ में वर्तमान में 98 पंजीयन कार्यालय हैं। नवा रायपुर के इस कार्यालय को मिलाकर अब 99 पंजीयन कार्यालय हो जाएंगे। छत्तीसगढ़ के विकास में इन पंजीयन कार्यालयों की महत्वपूर्ण भूमिका है।
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वर्ष 2020-21 में दस्तावेजों के पंजीयन से छत्तीसगढ़ को 1589 करोड़ रुपए का राजस्व मिला था। इसमें से 545 करोड़ रुपए का राजस्व अकेले रायपुर जिले से प्राप्त हुआ था। यह पंजीयन विभाग के माध्यम से मिले कुल राजस्व का 34 प्रतिशत है।”