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महिला आयोग : 1 साल में 62 जन सुनवाई, 1401 प्रकरण में से 410 का हुआ निराकरण

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रायपुर। महिलाओं के अधिकारों की रक्षा और उन्हें उत्पीड़न से राहत दिलाने के मामले में छत्तीसगढ़ महिला आयोग का कार्यकाल उपलब्धियों भरा रहा। आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक और सदस्यों ने राज्य के सुदूर अंचलों में जाकर महिलाओं के उत्पीड़न की सुनवाई की। पिछले एक वर्ष में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में 62 जन सुनवाईयां कर एक हजार 401 प्रकरणों में से कुल 410 प्रकरणों का निराकरण किया गया है।

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डॉ. किरणमयी नायक ने आज यहां पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया कि राज्य में महिलाओं के हित संरक्षण के लिए आयोग द्वारा हर संभव मदद की जा रही है। पीडित महिलाओं को राहत देने के लिए आयोग द्वारा सुदूुर अंचलों में जाकर सुनवाई की गई तथा विशेष प्रकरणों में आयोग के कार्यालय मेें सुनवाई कर प्रकरणों का निराकरण किया गया है।

तत्काल राहत दिलानें के लिए कई मौकों पर टेलीफोनिक माध्यम से भी महिलाओं की समस्याओं का निराकरण किया गया है। महिला उत्पीड़न की खबरों पर भी आयोग द्वारा संज्ञान लिया गया है। कई मामलों में उभय पक्षों के बीच समझौता कराते हुए उनके सुखी गृहस्थ जीवन की पुनः शुरूआत कराई गई। विशेष मामलों में दोनों पक्षों की निगरानी भी जा रही है।

महिला आयोग ने जारी किया नंबर

उन्होंनेे बताया कि लॉकडाउन के दौरान पीड़ित महिलाओं को आयोग तक शिकायत आवेदन भेजने और सुनवाई में होने वाली परेशानियों से निजात दिलाने के उद्देश्य से आयोग की पहल पर व्हाटसपएप कॉल सेंटर का शुभारंभ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा किया गया। व्हाटसएप नं. 90983-82225 में किसी भी महिला द्वारा शिकायत दर्ज करायी जा सकती है। पिछले वर्ष मेंन फ़ॉर वोमेन थीम पर पुरषों के जीवन में महिलाओं की भूमिका पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।

बेटियों को मिली नौकरी

डॉ. नायक ने बताया कि आयोग की सुनवाई के बाद 61 बेटियों को एन एम डी सी में नौकरी मिलना सुनिश्चित हुआ। पहली पत्नी के रहते दूसरी शादी करने पर कई मामलों में कड़ी कार्यवाही की गई। भरण-पोषण के कई मामलों में तीन हजार से एक लाख रूपये प्रतिमाह दिलाया गया।

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11 वर्ष पुराने एक मामलें में अनुकंपा नियुक्ति दिलाई गई। दो मामलों में डी.एन.ए. टेस्ट तथा एक मामले में नार्काे टेस्ट का आदेश भी दिया गया। जगदलपुर में एक ही दिन में 98 मामलों की सुनवाई की गई।