लखनऊ. 6 दिसंबर, 1992 को अयोध्या में विवादित ढांचा गिराए (Babri Masjid demolition case) जाने के अपराधिक मामलें में सीबीआई की विशेष अदालत (अयोध्या प्रकरण) के जज सुरेंद्र कुमार यादव ने फैसला सुना दिया है। मामले 32 अभियुक्तों को न्यायधीश ने राहत दी है। सुनवाई से पहले लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, कल्याण सिंह, नृत्यगोपाल दास, सतीश प्रधान के अलावा सभी आरोपी कोर्ट में मौजूद थे। 6 आरोपी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए थे। मामले में जज ने फैसला सुनाते हुए कहा, कि बाबरी सुनियोजित नहीं था। आपको बता दे कि मामलें में 49 लोगों को अभियुक्त बनाया गया था। इनमे से 17 लोगों की मौत हो चुकी है।
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सभी आरोपी बरी कर दिए गए हैं, साक्ष्य इतने नहीं थे कि कोई आरोप साबित हो सके: बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले पर विमल श्रीवास्तव, लाल कृष्ण आडवाणी के वकील pic.twitter.com/rfj7V83SsK
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 30, 2020
कोर्ट परिसर में पीएसी तैनात
हाईकोर्ट के पुराने परिसर में फैसले (Babri Masjid demolition case) के मद्देनजर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए है। सेंट्रल बार एसोसिएशन ने भी वकीलों से गुजारिश की है कि वे हाईकोर्ट के पुराने परिसर में जाने से बचे। साथ ही पुराने परिसर में वाहन की पार्किंग से भी मना किया है। वैकल्पिक व्यवस्था के तहत पार्किंग दूरसंचार भवन के सामने होगी। परिसर में पीएसी को तैनात कर दिया गया है। नारेबाजी ना करने की समझाइश जिम्मेदारों ने दी है।
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पूरे उत्तर प्रदेश में हाई अलर्ट
विशेष सीबीआई कोर्ट के फैसले को देखते हुए पूरे प्रदेश में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। सभी संवेदनशील जिलों में सुरक्षा प्रबंध और मजूबत करने के लिए अतिरिक्त रूप से 70 कंपनी पीएसी की तैनाती की गई है। जिलों के पुलिस कप्तानों को सेक्टर व्यवस्था लागू करके सुरक्षा प्रबंध करने के निर्देश दिए गए हैं।सोशल मीडिया की भी सघन निगरानी कराई जा रही है।