रायपुर। विधानसभा में आज गोबर खरीदी के मामलें पर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। सरकार की और से दिए गए जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने वॉक आउट भी किया। सदन में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने गोबर खरीदी केंद्रों से गोबर चोरी होने का मामला उठाते हुए कृषि मंत्री से सवाल किया।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में कितनी राशि की गोबर खरीदी की गयी और इसके उत्पादों की कितनी राशि की बिक्री की गयी। उन्होंने ये भी कहा कि गोबर खरीदी केंद्रों से चोरी भी हुआ है और पानी में भी बहा है।
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इस पर कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने जवाब देते हुए कहा कि “गोबर ख़रीदी योजना शुरू होने से अब तक 4 लाख 86 हज़ार 904 टन गोबर की ख़रीदी हुई है। 97 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।
खरीदे गए गोबर से वर्मी कॉम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट तथा अन्य सामग्री का उत्पादन किया जा रहा है। इन उत्पादों के विक्रय से 54 करोड़ की राशि सरकार को प्राप्त हुई है। राज्य में 11 हज़ार गौठान का काम चल रहा है, एक हजार से अधिक गौठान स्वालंबी हो गये है।”
पंचायत के अधिकार का अतिक्रमण-शर्मा
इधर विधायक शिवरतन शर्मा ने पूछा कि “गोबर को सुरक्षित रखने की ज़िम्मेदारी किसकी है ?” जिस पर मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि पंचायतीराज अधिनियम के तहत गौठान बनाये गये है। ग़ौठान पंचायत की संपत्ति है। पंचायत समिति इसकी देखरेख करते है।
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इस पर शर्मा ने आरोप लगाया कि “ग़ौठान समितियों में राजनीतिक लोगों की नियुक्ति कर दी गई है। सरकार पंचायत के अधिकार का अतिक्रमण कर रही है।”