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उम्रक़ैद खत्म हुए बीते 9 साल, कोर्ट के आदेश के बाद भी नहीं हुई तीन भाई की रिहाई

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रायपुर। छत्तीसगढ़ का जेल (Jail) प्रशासन कैदियों की सज़ा और उनकी रिहाई के लिए कितना सजग है, ये बात राजधानी की एक माँ से बेहतर शायद ही कोई बता पाए। डीकेएस अस्पताल के नज़दीक रहने वाली एक जी.राजेश्वरी तीन लड़कों की माँ है। इनके बेटों के किए की सज़ा आज तक ये भुगत रहीं है।

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इनकी सज़ा पूरी होने के 9 साल बाद भी तीनों भाई जेल में अब तक कैद है, और माँ हर दफ्तर और मंत्रियों के बंगलों में अपने बेटों की रिहाई की अर्ज़ी लगा रही है।

बकौल जी.राजेश्वरी “एक हत्या के मामलें में उसके तीन बेटे मोहन राव, शंकर राव, और कृष्णा राव दोषी साबित हुए, अदालत ने इन्हे आजीवन कारावास का हुक्म दिया। जिसके बाद इन तीनों सगे भाइयों को जेल दाखिल किया गया।” इस दौरान उनकी माँ अपने बेटों की सज़ा खत्म होने की आस में रही।

जी.राजेश्वरी ने अपने अपने तीनों बेटों के आजीवन कैद का एक एक दिन गिन कर काटें और जब उनकी सज़ा पूरी हुई तो वो जेल पहुंची पर उनके बेटे रिहा नहीं हुए। इसके बाद से जी.राजेश्वरी आज तक दुर्ग जेल, जेल मुख्यालय और मंत्रियों के बगलों में अपने बेटों की रिहाई के लिए अर्ज़ी लगा रही है।

जब इन अर्ज़ियों से भी कुछ नहीं हुआ तो उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया। कोर्ट ने इस मामलें पर तीन माह के अंदर प्रकरण के निपटारे के आदेश दिए, बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है।

Jail से अब विधि मंत्री के पास पहुंचा मामला

इधर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तीन महीने से ज़्यादा का वक़्त गुजर जाने के बाद एक बार फिर जी.राजेश्वरी सूबे के मंत्री से गुहार लगाई है। उन्होंने इस पूरे मामले पर विधि मंत्री मोहम्मद अकबर को ज्ञापन भी दिया है। उन्होंने मंत्री अकबर को बताया कि कोर्ट ने 12 मार्च 2021 को अपने आदेश में तीन माह के भीतर तीनों की क्षमा याचिका पर विचार करने के निर्देश दिए हैं।

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बावजूद इसके सरकार की तरफ से अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। अकबर ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रकरण पर जेल (Jail) विभाग को तुरंत कदम उठाने के लिए लिखा है।