दंतेवाड़ा। दो बड़े नक्सली लीडर की मौत की खबर सामने आई है। इस संबंध में माओवादियों ने खुद प्रेस नोट जारी किया है। जारी प्रेस नोट के मुताबिक कमांडर हरी भूषण और महिला नक्सली कमांडर सरक्का की मौत हुई है। ये दोनों ही छत्तीसगढ़ में बड़े के नक्सली लीडर के रूप में मार्क किए गए थे।
भैयाजी ये भी देखे : आत्मसमर्पित नक्सलियों का बनाया गया बैंक खाता व वोटर, आधार कार्ड
नक्सलियों ने प्रेस नोट जारी कर कहा कि “दंतेवाड़ा कामरेड हरी भूषण, तेलंगाना राज्य समिति के सचिव और केंद्रीय समिति का सदस्य था। जिसकी मौत 21 जून को क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस और अस्थमा की वजह से होना बताया गया है। वहीं महिला नक्सली कमांडर सरक्का की मौत 22 जून को हुई है। नक्सलियों ने इन दोनों माओवादियों के अंतिम संस्कार के बाद उनकी तस्वीरें जारी की है।
जानकारी के मुताबिक नक्सली कमांडर हरी भूषण उर्फ़ यापा नारायण तेलंगाना के महबूबाबाद जिले के कोट्टागुडा क्षेत्र के मारिगुडा गांव का रहने वाला था। भूषण माओवादी खेमे में पीपुल्स वार, गोरिल्ला वार में तकरीबन 27 साल पहले शामिल हुआ था। जिसके बाद दो दशकों से बस्तर के बीजापुर के पामेड़ इलाके में उसने माओवादियों का मोर्चा संभाला। वर्तमान में हरी भूषण तेलंगाना स्टेट कमेटी का सचिव भी था।
40 लाख का इनामी था भूषण-एसपी
इधर माओवादी हरी भूषण की मौत के बाद दंतेवाड़ा एसपी अभिषेक पल्लव ने इस मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि “संभवतः कोरोना वायरस के कारण माओवादियों के केंद्रीय समिति के सदस्य हरी भूषण की मौत हुई है। उस पर कुल 40 लाख का इनाम था। हरी भूषण बीजापुर-सुकमा जिले के सीमावर्ती क्षेत्र के जंगलों में सक्रिय था।”
भैयाजी ये भी देखे : बिरगांव, रिसाली और भिलाई नगर निगम के जल्द होंगे चुनाव, तैयारी…
एसपी ने दावा किया है कि उसकी मौत भी छत्तीसगढ़ के इसी इलाके में हुई है। उन्होंने बताया कि हरी भूषण छत्तीसगढ़ में दो दर्जन से ज़्यादा नक्सली वारदातों में शामिल रहा है।