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सोशल मीडिया में हो रही सांसद सनी की खोज, जानिए #SunnyDeolWhereAreYou

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पंजाब /आज सुबह से ट्विटर पर एक ट्रेंडिंग खबर चल रही है #SunnyDeolWhereAreYou इसका मतलब है पब्लिक सन्नी देओल को ढूंढ रही है। इस ट्रेंडिंग न्यूज़ में अब तक 10 हजार से ज्यादा लोग जुड़ गए है जिसके पीछे की वजह जानकर आप भी आश्चर्य में पड़ जायेंगे।

दरअसल पंजाब और हरियाणा में किसानों से जुड़े तीन विधेयकों का ज़बरदस्त विरोध हो रहा है. बिल पास होने के बाद भी वहां के किसान अपना आंदोलन ख़त्म नहीं किये है। इस दौरान अभिनेता से नेता बने सन्नी देओल लगातार बीजेपी का समर्थन कर रहे है। जिसके चलते पंजाब में किसान गुरुदासपुर से सांसद सनी देओल का “सामाजिक बहिष्कार” करने की तैयारी कर रहे हैं. वजह- सांसद सनी देओल का किसान बिल को सपोर्ट करना. किसानों का कहना है कि वो सभी BJP नेताओं और कार्यकर्ताओं का बहिष्कार करेंगे. इतना ही नहीं, बुधलाडा मंडी के कमीशन एजेंट ने तो घोषणा भी कर दी है कि वो किसी भी भाजपा नेता को मंडी में अंदर आने तक नहीं देंगे।

Farmers put this poster in the parliamentary constituency of Sunny Deol in Gurdaspur, farmers are asking why BJP MP Sunny Deol is not saying anything on the anti-farmer bill?

अब किसान सनी को लेकर अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्विटर में सन्नी को खोज रहे है। उन्होंने #SunnyDeolWhereAreYou के द्वारा सनी पर व्यंगात्मक वार किया है। इतना ही नहीं लोगो ने सन्नी की फिल्मो की क्लिपिंग से भी सन्नी की खोज जारी रखी है।बता दे कि पंजाब के किसानों का कहना है कि सनी देओल BJP के टिकट पर चुनाव लड़े और जीते. और एक किसान के बेटे होने के बावजूद उन्होंने पंजाब के लोगों के साथ धोखा किया. पंजाब के नेता सुखजिंदर सिंह ने सनी पर तंज कसते हुए कहा कि BJP सांसद ने अपने “ढाई किलो के हाथ” से किसानों को मार दिया।

जानिए किसान का विरोध

मोदी सरकार ने आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 में संशोधन किया है. इसके जरिए खाद्य पदार्थों की जमाखोरी पर लगा प्रतिबंध हटा दिया गया है. यानी व्यापारी कितना भी अनाज, दालें, तिलहन, खाद्य तेल वगैरह जमा कर सकते हैं.

कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक, 2020 है. इसका उद्देश्य कृषि उत्पाद विपणन समितियों यानी एपीएमसी मंडियों के बाहर भी कृषि से जुड़े उत्पाद बेचने और खरीदने की व्यवस्था तैयार करना है. यानी मोदी सरकार ने वो व्यवस्था खत्म कर दी है, जिसमें किसान अपनी उपज APMC मंडियों में लाइसेंसधारी खरीदारों को ही बेच सकते थे.

मूल्य आश्वासन पर किसान (बंदोबस्ती और सुरक्षा) समझौता और कृषि सेवा विधेयक, 2020, जो कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग को कानूनी वैधता प्रदान करता है, ताकि बड़े बिजनेस वाले और कंपनियां कॉन्ट्रैक्ट पर जमीन लेकर खेती कर सकें.