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रायपुर : बेमौसम बारिश से भीगा सैकड़ों क्विंटल धान, महीनों बीतने के बाद भी उठाव नहीं…

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रायपुर। बेमौसम हुई बरसात से छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा खरीदे गए धान बेमौसम बरसात में भीग गए है। सूबे की राजधानी रायपुर में ही सैकड़ों टन धान पानी में डूबा हुआ है। वही कई स्थानों पर धान में दीमक लगने और सड़ने की नौबत आ चुकी है। धान खरीदी के बाद उठाओ की बेहद धीमी रफ्तार के नतीजतन यह परिणाम सामने आ रहे है।

ताजा मामला रायपुर जिले के आरंग गुल्लू का है। जहां सैकड़ों टन धान सोमवार देर रात हुई बारिश में भीग गया। गुल्लू के किसानों ने कई मर्तबा अधिकारियों से इस बाबत चर्चा भी की थी कि धान को सुरक्षित रखा जाए और उसके उठाव के लिए पर्याप्त व्यवस्था की जाए बावजूद इसके अफसरों के कान में जूं तक नहीं रेंगी। नतीजतन सैकड़ों टन धान बेमौसम बारिश में भीग चुका है।

राजधानी से सटे हुए ग्राम गुल्लू के धान खरीदी सोसायटी में 56505.2 क्विंटल धान खरीदी की गई थी।
धान की खरीदी खत्म हुए तकरीबन पांच महीने खत्म होने के बाद भी यहां से महज 2189.56 क्विंटल धान का उठाव किया गया है। ऐसे में शेष धान का उठाव अब तक नहीं किया जाना अफसरों की जिम्मेदारी पर सवाल खड़े करता है।

नाले के पास है धान खरीदी केंद्र

गुल्लू के ग्रामीणों ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि धान खरीदी केंद्र नाला के पास है। ये एरिया पहले ही बारिश के दौरान अक्सर भर जाता है। ग्रामीणों की इस हिदायत के बाद भी इस धान खरीदी केंद्र से 34429.45
क्विंटल धान उठाव नही हुवा है। ये हाल से यहीं का नहीं बल्कि नज़दीक के गांव अमोदी-29372.73, कुटेला-23890, सकरी-23457.2, भानसोज-22324.9, अमसेना-2202.4, कोसरंगी-2044.5, चपरीद-9867.93, फ़रफौद-46543.45, नारा-5428.8, देवरी परस्कोल-7822.8 खरीदी केंद्र
भी ऐसे है जहां से अब तक धान का उठाव नही हुआ है।

मिलर्स को जबरिया टिकाया जाता है धान

इधर बारिश में भीगने के बाद ख़राब धान को मिलर्स को थमाने की तैयारी अफसर कर रहे है।मिलर्स का इस मामलें में कहना है कि खरीदी केंद्र में अफसरों की लापरवाही की वजह से धान बारिश में भीगता है, सड़ता है, फिर उसे अपना पल्ला झाड़ने के लिए मिलर्स को थमा दिया जाता है। ऐसे धान से चावल भी नहीं बनता।

एक मिलर ने अपना नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि “इस वर्ष भी पिछले वर्ष का ख़राब धान ज़बरदस्ती मिलर्स को दिया जा रहा है। इससे PDS की क्वालिटी भी ख़राब होती है, व मिलर को बहुत नुक़सान होता है। ये नुकसान हमारा ही नहीं बल्कि सरकार का भी जो सिर्फ चंद अफसरों की लापरवाही की वजह से उठाना पड़ता है। ऐसे अफसरों को चिन्हित कर सख्त कार्यवाही की जरूरत है।”