रायपुर। जशपुरनगर में नसबंदी के लिए बुलाई गई महिलाओं को बैरंग लौटाने और FIR दर्ज़ करने के मामले में भाजपा महिला मोर्चा ने सरकार पर हमला बोला है।
भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष शालिनी राजपूत ने कहा कि “इस मामले ने एक बार फिर प्रदेश सरकार के महिला विरोधी चरित्र को बेनक़ाब कर दिया है, जिसकी नाक के नीचे स्वास्थ्य प्रशासन द्वारा नसबंदी के लिए बुलाई गई, महिलाओं के साथ इस तरह का शर्मनाक व्यवहार किया गया।”
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भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष राजपूत ने हैरत जताई कि नसबंदी के लिए बुलाई गई इन महिलाओं को एक तो 12 घंटे सेभी ज़्यादा वक़्त तक भूखा-प्यासा रखा गया और बाद में उन्हें बैरंग लौटाया जा रहा था।
मितानिनों और परिजनों के साथ पहुँचीं ये महिलाएँ इन अव्यवस्थाओं को लेकर कलेक्टर आवास पर धरना पर बैठ गईं। जिन्हें संतोषजनक ज़वाब देकर स्थिति पर क़ाबू पाने में प्रशासन के अधिकारी नाकामयाब रहे और फिर इन पीड़ित महिलाओं के ख़िलाफ़ ही महामारी एक्ट की विभिन्न धाराओं में अपराध दर्ज करा दिया।
राजपूत ने कहा कि कोरोना गाइडलाइन की धज्जियाँ उड़ाती प्रदेश सरकार और उसकी नौकरशाही कोरोना संक्रमण की आड़ लेकर नसबंदी शिविर के लिए बुलाई गईं महिलाओं के साथ इस तरह का बर्ताव न केवल अपमानपूर्ण, अपितु आपत्तिजनक है।
नसबंदी मामलें में मांगे माफ़ी
भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष शालिनी राजपूत ने कहा कि प्रशासन ने नसबंदी के लिए बुलाई गई महिलाओं के खान-पान के इंतज़ाम में अपने नाकारापन को ढँकने के लिए जिस तरह महिला-शक्ति को प्रताड़ित करने का काम किया है, उसकी भाजपा महिला मोर्चा घोर निंदा करता है।
हम प्रदेश सरकार से मोर्चा मांग करते है कि प्रदेश सरकार महिलाओं के साथ हुई इस ज़्यादती के लिए पूरे प्रदेश की महिलाओं से नि:शर्त क्षमायाचना करे, और उनके ख़िलाफ़ दर्ज मामला तत्काल वापस ले।