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पीएम मोदी करेंगे जलशक्ति अभियान “कैच द रेन” का शुभारंभ, MOU पर होंगे हस्ताक्षर

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दोपहर 12.30 बजे विश्व जल दिवस के अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जलशक्ति अभियान “कैच द रेन” (Catch the Rain) का शुभारम्भ करेंगेI प्रधानमंत्री की उपस्थिति में केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री और उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के बीच केन- बेतवा सम्पर्क परियोजना के लिए ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर भी किए जाएंगे I नदियों को आपस में जोड़ने की राष्ट्रव्यापी योजना की यह पहली परियोजना हैI

Catch the Rain : जल शक्ति अभियान

यह अभियान देश भर के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में एक साथ “कैच द रेन(Catch the Rain) “जहां भी, जब भी संभव हो वर्षा का जल संग्रह करें” शीर्षक के साथ चलाया जाएगाI इस अभियान को मानसूनी वर्षा की शुरुआत से पहले और मानसूनी वर्षा के मौसम की समाप्ति के बीच 30 मार्च, 2021 से 30 नवम्बर, 2021 की अवधि में कार्यान्वित किया जाएगाI जमीनी स्तर पर जल संरक्षण में जन भागीदारी के लिए इस अभियान को जन आन्दोलन के रूप में शुरू किया जाएगाI इसका उद्देश्य वर्षाजल के समुचित संग्रह को सुनिश्चित करने के लिए सभी सम्बंधित हितधारकों को सक्रिय करना है ताकि वे अपने-अपने क्षेत्रों के मौसम और भूगर्भीय संरचना के हिसाब से वर्षा जल संरक्षण के लिए आवश्यक निर्माण कार्य कर सकें I

इस कार्यक्रम के बाद जल और जल संरक्षण से जुड़े विभिन्न विषयों पर विचार करने के लिए जहां चुनाव हो रहे हैं, उन राज्यों के अलावा देश के सभी जिलों की ग्राम पंचायतों में ग्राम सभाओं का आयोजन किया जाएगाI जल संरक्षण के लिए ग्राम सभाएं ‘जल शपथ’ भी लेंगीI

ये है केन-बेतवा लिंक परियोजना MOU

यह समझौता अंतर्राज्यीय सहयोग के लिए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के उस सपने को पूरा करने की शुरुआत करेगा जिसके तहत नदियों में आने वाले अतिरिक्त जल को सूखा पीड़ित एवं जल की कमी वाले क्षेत्रों में विभिन्न नदियों को आपस में जोड़कर पहुंचाया जा सकेगाI इस परियोजना में दाऊधन बाँध बनाकर केन और बेतवा नदी को नहर के जरिये जोड़ना, लोअर ओर्र परियोजना, कोठा बैराज और बीना संकुल बहुउद्देश्यीय परियोजना के माध्यम से केन नदी के पानी को बेतवा नदी में पहुंचाना हैI इस परियोजना से प्रति वर्ष 10.62 लाख हेक्टेयर कृषि क्षेत्र में सिंचाई सुविधाएं, लगभग 62 लाख लोगों को पेयजल आपूर्ति और 103 मेगावाट जलविद्युत का उत्पादन होगा I

यह परियोजना बुन्देलखंड क्षेत्र में पानी की भयंकर कमी से प्रभावित क्षेत्रों के लिए अत्यधिक लाभकारी होगी जिसमें मध्य प्रदेश के पन्ना, टीकमगढ़, छतरपुर, सागर, दमोह, दतिया, विदिशा, शिवपुरी और रायसेन जिले तथा उत्तर प्रदेश के बांदा, महोबा, झांसी और ललितपुर जिले शामिल हैं I इससे भविष्य में नदियों को आपस में जोड़ने की और अधिक परियोजनाओं का मार्ग प्रशस्त होगा जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि पानी की कमी के कारण देश के विकास में बाधा न बन पाएI