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सीएम भूपेश बघेल का विपक्ष पर तंज़, आप केंद्रीय पूल की अनुमति दिला दीजिए

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रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने बड़ा बयान दिया है। भूपेश ने कहा कि “यह देश और प्रदेश अन्नदाताओं का है। हम किसी भी सूरत में किसानों को उनके अधिकारों से वंचित नहीं होने देंगे। हम अन्नदाताओं के साथ छल नहीं होने देंगे।”

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मुख्यमंत्री ने सदन के अंदर कहा कि चर्चा के दौरान जो लोग यहां समर्थन मूल्य पर धान खरीदी को लेकर बातें कर रहे थे। दिल्ली में उन्हीं की सरकार है। वहां समर्थन मूल्य पर फसल खरीदने की मांग को लेकर किसान आंदोलन कर रहे हैं, 2 सौ से अधिक किसानों की मौत हो गई, लेकिन तब भी उस सरकार ने ध्यान नहीं दिया।

उन्होंने कहा कि किसानों पर 3 ऐसे कानून जबरदस्ती थोपे जा रहे हैं, जिसे किसान चाहते ही नहीं। उन्होंने कहा कि हमनें छत्तीसगढ़ में किसानों के हितों का पूरा ध्यान रखा।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने कहा कि हमने किसानों की सुविधा बढ़ाने के लिए 263 नये उपार्जन केन्द्र बनाएं। प्रदेश में 2300 धान खरीदी केन्द्र होने से धान खरीदी में कहीं अव्यवस्था नहीं हुई। बारदानों की कमी के बाद भी धान खरीदी का काम सुव्यवस्थित ढंग से हुआ।

बघेल ने कहा कि केन्द्र सरकार ने जब केन्द्रीय पूल में 60 लाख मीटरिक टन चावल जमा करने की सहमति दी थी, तो विपक्षी सदस्यों ने कहा कि केन्द्र सरकार को धन्यवाद देना चाहिए। इस पर मैंने कहा था कि जिस दिन पूरा 60 लाख मीटरिक टन चावल केन्द्रीय पूल में लिया जाएगा, उस दिन पूरा सदन उन्हें धन्यवाद दूंगा।

उन्होंने कहा कि आज केन्द्र ने केवल 24 लाख मीटरिक टन जमा करने की अनुमति दी है। अब विपक्ष को पूरे 60 लाख मीटरिक टन चावल जमा कराने के लिए केन्द्र से अनुमति दिलानी चाहिए।

CM Bhupesh Baghel : केन्द्रीय पूल की अनुमति दिला दीजिए !

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ विपक्षी सदस्य यह प्रश्न उठा रहे हैं कि अतिशेष धान राज्य सरकार क्यों बेच रही है। मैं कहना चाहता हूं कि आप हमें 60 लाख मीटरिक टन केन्द्रीय पूल में जमा करने की अनुमति दिला दीजिए, हमें बाहर धान या चावल बेचने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।

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उन्होंने कहा कि हम धान का उपार्जन केन्द्र सरकार के लिए करते हैं। एक समय था जब देश में अनाज की कमी थी, तब इंदिरा जी के आव्हान पर हरित क्रांति हुई और हमारे किसानों ने उस चुनौती को स्वीकार किया। देश स्वावलंबी हुआ और आज जब आधिक्य हो गया तो आप व्यवस्था नहीं कर पा रहे हैं।