नई दिल्ली। देश में गुजरात, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड भी “ईज ऑफ डूइंग बिजनेस”(EODB) पूरा करने वाले राज्य बन गए है। जिसके बाद “कारोबार में सुगमता” सुधारों को सफलतापूर्वक पूरा करने वाले राज्यों की संख्या अब बढ़कर 15 हो गई है।
उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) से सिफारिश प्राप्त होने पर व्यय विभाग ने इन तीन राज्यों को खुले बाजार से 9,905 करोड़ रुपये जुटाने की अनुमति दी है।
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इससे पहले, आंध्र प्रदेश, असम, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु और तेलंगाना ने भी इस सुधार के पूरा होने की सूचना दी थी, जिसकी पुष्टि डीपीआईआईटी द्वारा की गई थी।
गौरतलब है कि कारोबार में सुगमता से देश में निवेश के अनुकूल कारोबार के माहौल का महत्वपूर्ण सूचक है। “ईज ऑफ डूइंग बिजनेस” (EODB) में सुधार राज्य अर्थव्यवस्था की भविष्य की प्रगति तेज करने में समर्थ बनाएंगे।
इसलिए भारत सरकार ने मई, 2020 में यह निर्णय लिया कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में मदद हेतु सुधार करने वाले राज्यों को अतरिक्त ऋण जुटाने की सुविधा प्रदान की जाएगी।
EODB चार नागरिक क्षेत्रों में से एक
कोविड-19 महामारी के दौरान पैदा हुई चुनौतियों से निपटने के लिए संसाधन जरूरतों को देखते हुए भारत सरकार ने 17 मई, 2020 को राज्यों की ऋण लेने की सीमा उनके जीएसडीपी की 2 प्रतिशत बढ़ा दी थी। इस विशेष विधान की आधी राशि राज्यों द्वारा किए गए नागरिक केन्द्रित सुधारों से जुड़ी थी।
सुधारों के लिए चार नागरिक केन्द्रित क्षेत्रों की पहचान की गई थी। जिसमे एक राष्ट्र एक राशन कार्ड प्रणाली, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, अर्बन लोकल बॉडी/यूटिलिटी और ऊर्जा क्षेत्र है।
अभी तक 18 राज्यों ने इन चार निर्धारित सुधारों में से कम-से-कम एक सुधार किया है। उन्हें सुधार से जुड़ी ऋण अनुमति प्रदान की गई है। इनमें से 13 राज्यों ने एक राष्ट्र एक राशन कार्ड प्रणाली लागू की है।
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15 राज्यों ने ईज और डूइंग बिजनेस सुधार लागू किया है। 6 राज्यों ने स्थानीय निकाय सुधार लागू किए हैं और 2 राज्यों ने ऊर्जा क्षेत्र सुधार लागू किए हैं। अभी तक इन राज्यों को 86,417 करोड़ रुपये का अतिरिक्त ऋण जुटाने की अनुमति दी गई है।