गरियाबंद। गरियाबंद में तेंदुए की खाल (Leopard skin) के साथ पांच तस्करों को वन विभाग की टीम ने धर दबोचा है। ये पाँचों ओड़िशा-छत्तीसगढ़ बॉर्डर एरिया उदंती सीतानदी टाइगर प्रोजेक्ट के पास दबोचे गए है।
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हालाँकि इस बात की पुष्टि अब तक नहीं हो पाई है कि खाल छत्तीसगढ़ के तेंदुए की है या फिर ओडिशा में इसका शिकार किया गया है। इसकी जांच फिलहाल की जा रही है।
जानकारी के मुताबिक गरियाबंद जिले के जांगड़ा-जुगाड़ बरगांव क्षेत्र में 2 तेंदुओं की खाल (Leopard skin) के साथ इन पांच तस्करों की गिरफ्तारी हुई है। इनके खिलाफ उदंती सीतानदी टाइगर प्रोजेक्ट के अफसरों ने वन अधिनियम के तहत मामला दर्ज़ किया है।
गरियाबंद के उपनिदेशक उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व आयुष जैन की अगवानी में फारेस्ट की एंटी पोचिंग टीम इन तस्करों पर नज़र जमाए हुए थी। छत्तीसगढ़ ओडिशा की सीमा से इलाका लगा होने के चलते ओडिशा के वन विभाग को भी अलर्ट किया गया था।
Leopard skin बेचने की फिराक में थे तस्कर
उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक आयुष जैन ने बताया कि “हमारी टीम को उत्तर उदंती मैनपुर वनपरिक्षेत्र के बरगवां जांगड़ा के जंगलों में 5 व्यक्ति द्वारा दो तेंदुए की खाल को बेचने के लिए ग्रहक की तलाश करने की सुचना मिली थी।
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इस सुचना पर उदंती वनविभाग की एंटी पोचिंग टीम और ओडिशा के सीनापाली वनविभाग की टीम ने आरोपियों को घेराबंदी कर धर दबोचा है। इनके पास से दो तेंदुए का खाल बरामाद किया गया है। एक तेंदुए का खाल बडी है, जबकि एक का साइज छोटा है। इन सभी के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की विभिन्न धाराओं के तहत कार्यवाही की गई है।”