रायपुर। छत्तीसगढ़ में शराब तस्करी (Liquor smuggling) रोकने के लिए आबकारी विभाग कितना मुस्तैद है, इसका अंदाजा सरकारी आदेशों की अवहेलना से ही लगाया जा सकता है।
राज्य सरकार ने प्रदेश भर में शराब की तस्करी को रोकने के लिए विभिन्न स्तर पर प्रयास किए लेकिन आबकारी विभाग के अधिकारी इस मामले पर कुछ खास काम करते नजर नहीं आ रहे है।
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राज्य सरकार ने 08 दिसंबर 2020 को तस्करी रोकने के लिए एयरपोर्ट और बस अड्डों के साथ रेलवे स्टेशन में भी जांच केंद्र खोलने के निर्देश ज़ारी किए गए थे।
आबकारी विभाग की तरफ से महीने भर से ज़्यादा का समय बीतने के बाद भी अब तक कोई तैयारी नहीं की गई। यहीं नहीं बल्कि विभाग के अफसर इस काम की जिम्मेदारी भी एक दूसरे पर उढेल रहे है।
दरअसल यात्रियों द्वारा अन्य प्रांतों से विशेष रूप से मंहगी शराब लाकर बेचने की शिकायतें लगातार सरकार को मिल रही थी। इससे प्रदेश का आबकारी राजस्व प्रभावित हो रहा है।
जिसके बाद आबकारी मंत्री ने शराब की तस्करी (Liquor smuggling) करने वालों पर सख्त कार्यवाही के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए थे। साथ ही इन स्थानों पर जाँच केंद्र बनाने के लिए भी कहा था।
Liquor smuggling पर हो रही कार्यवाही-दास
आबकारी अफसर निरंजन दास ने बताया कि “प्रदेश के विभिन्न जिलों में आबकारी की टीम लगातार अवैध शराब के परिवहन को रोकने के लिए काम कर रही है। एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और बस अड्डों पर जांच केंद्र शुरू कराने का काम विभाग के प्रबंध संचालक को दिया गया है।
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जिसकी तैयारी भी विभाग के अफसर कर रहे है, जल्द से जल्द हम इसकी शुरुआत कर लेंगे। दास ने बताया कि कोई भी यात्री अपने साथ अपने इस्तेमाल के लिए अधिकतम एक बोतल शराब का ही परिवहन बिना रोक टोक के लाना लेजाना कर सकता है।