रायपुर। राज्य सरकार के फरमान के बाद भी जिन स्कूलों ने फ़ीस समिति का गठन नहीं किया था, उनकी मान्यता रद्द कर दी गई है। रायपुर जिले के DEO ने तकरीबन 240 छोटे बड़े स्कुल की मान्यता रद्द की है।
इन स्कूलों में स्कुल शिक्षा विभाग के मंशानुरूप फ़ीस समिति का गठन नहीं किया गया था जिस पर ये कार्यवाही हुई है। अब ये स्कुल स्कूली शिक्षा सत्र 2021-2022 में पठन पाठन का कार्य सम्पादित नहीं कर सकते है।
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हालाँकि ये संख्या अभी और भी बढ़ सकती है। क्यों की जिला शिक्षा अधिकारी ने कुछ स्कूलों से इस संबंध में जवाब भी माँगा है। ये ऐसे स्कुल है जहाँ समिति बनाने का काम शुरू हो चूका है पर उस पर कोई प्रगति नज़र नहीं आ रही है।
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इधर जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) जीआर चंद्राकर ने बताया कि फीस समिति के गठन में गंभीरता नहीं दिखाने को लेकर नोडल प्राचार्यों से भी जवाब मांगा है। साथ उनका वेतन आगामी आदेश तक रोका गया है।
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वही 240 स्कुल ऐसे थे जिन्होंने इस समिति के गठन के लिए कुछ भी नहीं किया जिनकी मान्यता रद्द की गई है। अशासकीय विद्यालय फीस विनयमन अधिनियम 2020 के तहत ये कार्यवाही की गई हैं।
DEO ने बताई वज़ह
चंद्राकर ने बताया कि फीस विनयमन अधिनियम 2020 के परिपालन में स्कूलों में ये कमेटी बना कर प्रस्ताव भेजने कहा गया था। आज दिनांक तक डीईओ कार्यालय में इन 240 स्कूलों के कोई भी दस्तावेज़ जमा नहीं कराया गया है। जिसके कारण फीस समिति का गठन शासन की मंशा के अनुरूप निर्धारित समय-सीमा में पूरा नहीं हो पाया है।
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अशासकीय विद्यालय फीस विनयमन अधिनियम-2020 के क्रियान्वयन में लापरवाही बरतना और जिला शिक्षा अधिकारी के आदेश का पालन नहीं करना स्कूलों की दी गई मान्यता का उल्लंघन है। जिस पर स्कूलों की मान्यता आगामी सत्र 2021-22 से समाप्त की गई है।