कोंडागांव। छत्तीसगढ़ के धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र से ITBP के जवानों की एक अलग ही तस्वीर सामने आई है। इस तस्वीर में जवान न तो सर्चिंग करते हुए नज़र आ रहे है और न ही इनके हाथों में बंदूके है।
इन जवानों के हाथों में पेंसिंल कॉपी बच्चों को पढ़ाने के लिए कुछ किताबें नज़र आ रही है। इतना ही नहीं बल्कि ये जवान बस्तर संभाग में बतौर “स्मार्ट टीचर” के नाम से भी मशहूर हो रहे है।
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ITBP के जवान बस्तर संभाग के कोंडागांव जिले में एक स्कुल का संचालन कर रहे है। जहाँ जवानों की एक टीम ने स्थानीय बच्चों को पढ़ाने के लिए इन्तेज़ामात किए है।
स्कूल चलें हम!
Internet based classes alongwith maths and english classes being organised by the jawans of 41st Battalion ITBP voluntarily in Kondagaon, Chhattisgarh. Schoolchildren in and around Hadeli village school benefitted from the initiative.#Himveers pic.twitter.com/P9raxfRdHy
— ITBP (@ITBP_official) January 17, 2021
बच्चों के लिए इंटरनेट आधारित कक्षाएं आयोजित कराने के साथ ही उन्हें भौतिक शिक्षा भी दे रहे है। इसके बदले में जवानों को बच्चों ने हल्बी भाषा सिखाना शुरू किया है।
ITBP के 41वीं बटालियन का जिम्मा
ये क्लासेस आईटीबीपी की 41 वीं बटालियन के कर्मियों द्वारा ली जा रही है। कंप्यूटर और प्रोजेक्टर जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की मदद से कक्षाएं ली जा रही हैं। इसके आलावा उन्हें अन्य विषयों के लिए सामान्य स्तर पर भी पढ़ाया जा रहा है।
यह कक्षाएं दोपहर 3 बजे से 4.30 बजे के बीच लगती है, जिसमें गुरुवार के दिन इन बच्चों की छुट्टी रहती है। जानकारी के मुताबिक यहाँ कक्षाएं आईटीबीपी के वे जवान ही लेते है जो स्नातक हैं।
पढ़ने पहुंच रहे 50 छात्र
आईटीबीपी के प्रवक्ता विवेक पांडेय ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि ” कोंडागांव के हडेली क्षेत्र में ये कक्षाएं चलाई जा रही हैं। जिसमे इंटरनेट, यूट्यूब, और वीडियों कंटेंट के साथ पुस्तकों से बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। हालाँकि इंटरनेट के लिए काफी मशक्क्त करने होती है।”
Some glimpses of classes being conducted for local schoolchildren by ITBP jawans of 41st Battalion in Kondagaon District, Chhattisgarh.#Himveers pic.twitter.com/EwcYYJC0Pz
— ITBP (@ITBP_official) January 17, 2021
उन्होंने कहा कि हर रोज़ आधे घंटे की वीडियों कैप्सूल कोर्स से इन बच्चों को आगे चलकर पढ़ने में काफी मदद करेगा।
ये बच्चे और भी मज़बूत होंगे और बच्चों को ई-लर्निग और वर्चुअल ऑनलाइन कक्षाओं के तरीकों को समझने में भी ये मददगार है।
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पांडेय ने बताया कि अब तक इस कक्षा में 50 छात्र पहुंच रहे है। जिसे हमारे जवान पढ़ा रहे है।