भोपाल / लव जिहाद को लेकर मध्यप्रदेश में नया कानून बनाया गया है जिसका उदेश्य लड़कियों की सुरक्षा को लेकर है। जिसका नाम दिया गया है लाडली लक्ष्मी क़ानून। इस कानून को लेकर बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत ने शनिवार को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से सौजन्य मुलाकात कि और इस कानून को लेकर उनकी तारीफ भी की।
इस क़ानून की सख़्त जरूरत थी। नाबालिग लड़कियों को बहला फुसलाकर गायब कर दिया जाता है। सोशल मीडिया पर उन्हें ग़लत नाम बताकर, उनसे मिलकर, उनको ले जाते हैं और उनकी दुर्दशा की जाती है। कई सालों से लड़कियां इससे पीड़ित हैं : कंगना रनौत, मध्य प्रदेश में लव जिहाद को लेकर नए क़ानून पर pic.twitter.com/rUBtFpxeRo
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 9, 2021
कंगना ने अपने सोशल मिडिया आकउंट ट्विटर में कहा कि लव जिहाद क़ानून की सख़्त जरूरत थी। नाबालिग लड़कियों को बहला फुसलाकर गायब कर दिया जाता है। सोशल मीडिया पर उन्हें ग़लत नाम बताकर, उनसे मिलकर, उनको ले जाते हैं और उनकी दुर्दशा की जाती है।
कई सालों से लड़कियां इससे पीड़ित हैं ऐसे में मध्य प्रदेश में आज शिवराज सिंह चौहान ने जो महिला सशक्तिकरण के लिए कानून लाकर हमें प्रोत्साहित किया लिए ध्न्यवाद। साथ ही कंगना ने उन्हें लाडली लक्ष्मी जैसी कई योजनाएं स्थापित कर लाखों लड़कियों को हो रहे फायदे के लिए भी सराहना की।
#WATCH | In countries like Saudi Arabia, those who commit crimes against women are hanged to death at intersections. We need to set similar examples here: Actor Kangana Ranaut, on asked about the solution to atrocities against women, in Bhopal pic.twitter.com/ayLeWiwbCM
— ANI (@ANI) January 9, 2021
बता दें कि पिछले साल 29 दिसंबर को मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने कैबिनेट बैठक में अध्यादेश के ड्राफ्ट को अनुमोदन दिया था.
लव जिहाद कानून के मुख्य प्रावधान
बहला-फुसलाकर, धमकी देकर जबरदस्ती धर्मांतरण और शादी करने पर 10 साल की सजा का प्रावधान. यह गैर जमानती अपराध होगा.
लव जिहाद धर्मांतरण और धर्मांतरण के बाद होने वाले विवाह के 2 महीने पहले डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को धर्मांतरण और विवाह करने और करवाने वाले दोनों पक्षों को लिखित में आवेदन देना होगा.
बगैर आवेदन दिए धर्मांतरण करवाने वाले धर्मगुरु, काजी, मौलवी या पादरी को भी 5 साल तक की सजा का प्रावधान है.
धर्मांतरण और जबरन विवाह की शिकायत पीड़ित, माता- पिता, परिजन या गार्जियन द्वारा की जा सकती है.
सहयोग करने वालों को भी मुख्य आरोपी बनाया जाएगा. उन्हें अपराधी मानते हुए मुख्य आरोपी की तरह ही सजा होगी.
जबरन धर्मांतरण या विवाह कराने वाली संस्थाओं का रजिस्ट्रेशन रद्द किया जाएगा.