रायपुर /छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार पहले दिन से ही नरवा गरवा घुरुवा बारी की थीम पर कार्य कर रही है।जिसके तहत करोडो रुपये गौधन योजना के पीछे खर्च भी किये जा रहे है । जिसका एक मात्र उदेश्य रोड में घूमने वाले पशुओं की सुरक्षा और आकस्मिक दुर्घटना से बचाव था।
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लेकिन यह तस्वीर प्रदेश की उस व्यवस्था को आइना दिखने के लिए काफी है? यह राजधानी का आती व्यस्तम इलाका vip रोड का दृश्य है। जहां रात करीब 10 बजे के बाद इस शहर की सड़को पर मवेशियों का डेरा रहता है।
छत्तीसगढ़ में गायों के रहने के लिए बने गौठानों के आंकड़ों पर अग्र्र नज़र दौड़ाएंगे तो राज्य के 2200 गांवों में गौठान का निर्माण हो चुका है. इसके साथ ही 2800 गांव में गौठान का निर्माण किया जा रहा है. आने वाले दो-तीन महीने में लगभग 5,000 गांव में गौठान बन जाएंगे.अगरव उपरोक्त आंकड़े सही हैं तो यह रोड में बैठी गाये किस गौठान में जाने की पनाह मांग रही यह सोचने का विषय है। भैया जी न्यूज़ की खास पहल
छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार पहले दिन से ही नरवा गरवा घुरुवा बारी की थीम पर कार्य कर रही है।जिसके तहत करोडो रुपये गौधन योजना के पीछे खर्च भी किये जा रहे है । जिसका एक मात्र उदेश्य रोड में घूमने वाले पशुओं की सुरक्षा और आकस्मिक दुर्घटना से बचाव था।
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लेकिन यह तस्वीर प्रदेश की उस व्यवस्था को आइना दिखने के लिए काफी है? यह राजधानी का आती व्यस्तम इलाका vip रोड का दृश्य है। जहां रात करीब 10 बजे के बाद इस शहर की सड़को पर मवेशियों का डेरा रहता है।
छत्तीसगढ़ में गायों के रहने के लिए बने गौठानों के आंकड़ों पर अग्र्र नज़र दौड़ाएंगे तो राज्य के 2200 गांवों में गौठान का निर्माण हो चुका है. इसके साथ ही 2800 गांव में गौठान का निर्माण किया जा रहा है. आने वाले दो-तीन महीने में लगभग 5,000 गांव में गौठान बन जाएंगे.अगरव उपरोक्त आंकड़े सही हैं तो यह रोड में बैठी गाये किस गौठान में जाने की पनाह मांग रही यह सोचने का विषय है। भैया जी न्यूज़ की खास पहल