रायपुर। गणतंत्र दिवस परेड में छत्तीसगढ़ की मनोरम झांकी दिखेगी। इस बार की झांकी में प्रदेश के लोक संगीत का “वाद्य वैभव” प्रदर्शित होगा।
गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह के लिए छत्तीससगढ़ राज्य की झांकी को रक्षा मंत्रालय की विशेषज्ञ समिति ने मंजूरी दी है।
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वहीं कई बड़े राज्यों की झांकी अपना स्थान बनाने से चूक गयी। झांकी के चयन पर प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी बधाई दी है।
इस बार की झांकी में छत्तीसगढ़ के जनजातीय क्षेत्रों में प्रयुक्त होने वाले लोक वाद्यों को उनके सांस्कृतिक परिवेश के साथ प्रदर्शित किया जाएगा। देश के कई बड़े राज्यों को पीछे छोडते हुये छत्तीसगढ़ की झांकी ने अपना स्थान सुनिश्चित किया है।
वाद्य वैभव में बस्तर से सरगुजा तक की झलक
इस झांकी में छत्तीसगढ़ के दक्षिण में स्थित बस्तर से लेकर उत्तर में स्थित सरगुजा तक विभिन्न अवसरों पर प्रयुक्त होने वाले लोक वाद्य शामिल किए गए हैं। इनके माध्यम से छत्तीसगढ़ के स्थानीय तीज त्योहारों तथा रीति रिवाजों में निहित सांस्कृतिक मूल्यों को भी रेखांकित किया गया है। इस विषयवस्तु पर आधारित झांकी को पांच राउंड की कठिन प्रक्रिया के बाद अंतिम स्वीकृति मिली है।
इन राज्यों को पछाड़ कर बनाई जगह
छत्तीसगढ़ ने आधा दर्जन राज्यों को पछाड़ कर राजपथ में होने वाले परेड के लिए अपनी जगह बनाई है। इस बार प्रदेश के पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश, ओडिशा, झारखंड, तेलंगाना, सहित बिहार, राजस्थान जैसे कई बड़े राज्यों की झांकी का चयन नहीं हो पाया है।