रायपुर। छत्तीसगढ़ में अगले दो सालों में एथेनॉल प्लांट (Ethanol plant) की स्थापना कर ली जाएगी। ये प्लांट छत्तीसगढ़ डिस्टीलरीज लिमिटेड द्वारा लगाया जा रहा है। जिसकी क्षमता 40 के.एल.पी.डी. की है। जिसके लिए छत्तीसगढ़ डिस्टीलरीज लिमिटेड की 5.27 करोड़ रूपए प्रतिवर्ष की निविदा स्वीकार की गई है।
भैयाजी ये भी पढ़े : भाजपा में रायपुर संभाग की अहम बैठक, कार्यकर्त्ता पदाधिकारी होंगे शामिल…
पी.पी.पी. मॉडल के अंतर्गत कारखाने द्वारा लाइसेंस पर केवल भूमि उपलब्ध करायी जाएगी। एथेनॉल संयंत्र की स्थापना पर निवेशक द्वारा 100 करोड़ रूपए से अधिक का विनिवेश किया जाएगा। इस संबंध में राज्य सरकार ने एमओयू साइन कर लिया है।
छत्तीसगढ़ में एथेनॉल प्लांट (Ethanol plant) के लिए भूपेश सरकार ने MOU साइन कर लिया है। इसके बाद प्लांट की स्थापना का काम शुरू किया जाएगा। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मौजूदगी में ये एमओयू किया गया है।
यह अनुबंध भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाने कवर्धा और छत्तीसगढ़ डिस्टीलरी लिमिटेड की सहायक इकाई एन.के.जे. बॉयोफ्यूल के मध्य 30 वर्षों के लिए किया गया।
Ethanol plant : आर्थिक समृद्धि का आधार
एमओयू करने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि “किसानों को समय पर गन्ना के मूल्य का भुगतान और शक्कर कारखाने की क्षमता का पूरा-पूरा उपयोग सुनिश्चित करने में एथेनॉल संयंत्र की स्थापना महत्वपूर्ण साबित होगी।”
उन्होंने कहा कि “एथेनॉल संयंत्र की स्थापना से क्षेत्र में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे तथा क्षेत्र में आर्थिक समृद्धि का आधार मजबूत होगा।”
बघेल ने कहा कि “पी.पी.पी. मॉडल से एथेनॉल संयंत्र की स्थापना का देश में यह पहला उदाहरण है। राज्य में एथेनॉल संयंत्र की स्थापना से छत्तीसगढ़ का देश के बायोफ्यूल के उत्पादन में भी महत्वपूर्ण योगदान होगा।”