नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने सोमवार को देश की पहली ड्राइवरलेस मेट्रो रेल का शुभारंभ किया। ये मेट्रो जनकपुरी पश्चिम-बॉटनिकल गार्डन के बीच दिल्ली मेट्रो की मजेंटा लाइन पर चलेगी। पीएम ने एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड सेवा की भी सौगात दी।
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— Narendra Modi (@narendramodi) December 28, 2020
इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा “मुझे आज से लगभग 3 साल पहले मजेंटा लाइन के उद्घाटन का सौभाग्य मिला था। आज फिर इसी रुट पर देश की पहली ऑटोमेटेड मेट्रो का उद्घाटन करने का अवसर मिला। ये दिखाता है कि भारत कितनी तेजी से स्मार्ट सिस्टम की तरफ आगे बढ़ रहा है।”
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मोदी (Narendra Modi) ने कहा कि “कुछ दशक पहले जब urbanisation का असर और urbanisation का भविष्य, दोनों ही बिल्कुल साफ था तो उस समय एक अलग ही रवैया देश ने देखा। भविष्य की जरुरतों को लेकर उतना ध्यान नहीं था, आधे-अधूरे मन से काम होता था, भ्रम की स्थिति बनी रहती थी।”
उन्होंने कहा कि “इस सोच से अलग, आधुनिक सोच ये कहती है शहरीकरण को चुनौती ना मानकर एक अवसर की तरह इस्तेमाल किया जाए। एक ऐसा अवसर जिसमें हम देश में बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर बना सकते हैं। एक ऐसा अवसर जिससे हम Ease of Living बढ़ा सकते हैं। सोच का ये अंतर शहरीकरण के हर आयाम में दिखता है।”
Narendra Modi : 2025 तक 25 से ज्यादा शहरों में मेट्रो
पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा कि “2014 में सिर्फ 5 शहरों में मेट्रो रेल थी। आज 18 शहरों में मेट्रो रेल की सेवा है। वर्ष 2025 तक हम इसे 25 से ज्यादा शहरों तक विस्तार देने वाले हैं।RRTS- दिल्ली मेरठ RRTS का शानदार मॉडल दिल्ली और मेरठ की दूरी को घटाकर एक घंटे से भी कम कर देगा।”
2014 में सिर्फ 5 शहरों में मेट्रो रेल थी।
आज 18 शहरों में मेट्रो रेल की सेवा है।
वर्ष 2025 तक हम इसे 25 से ज्यादा शहरों तक विस्तार देने वाले हैं।
– पीएम श्री @narendramodi pic.twitter.com/VfQD9aDKIf
— BJP (@BJP4India) December 28, 2020
मोदी ने कहा कि “मेट्रोलाइट-उन शहरों में जहां यात्री संख्या कम है वहां मेट्रोलाइट वर्जन पर काम हो रहा है। ये सामान्य मेट्रो की 40 प्रतिशत लागत से ही तैयार हो जाती है।”
उन्होंने कहा कि मेट्रो नियो – जिन शहरों में सवारियां और भी कम है वहां पर मेट्रो नियो पर काम हो रहा है। ये सामान्य मेट्रो की 25 प्रतिशत लागत से ही तैयार हो जाती है। इसी तरह है वॉटर मेट्रो- ये भी आउट ऑफ द बॉक्स सोच का उदाहरण है।”