रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने जमीनों की रजिस्ट्री (Registry) प्रक्रिया को और सरल बनाने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले के तहत अब लोगो को पटवारी दफ़्तर के चक्कर काटने की जरुरत नहीं होगी।
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बल्कि घर से बैठे बैठे ही लोग ज़मीन के दस्तावेज़ों की व्यवस्था कर सकतें है। सरकार के राजस्व की रफ़्तार को बढ़ाने के लिए ये फैसला किया गया है।
महानिरीक्षक पंजीयक ने इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिया है। ज़ारी आदेश के मुताबिक़ “रजिस्ट्री (Registry) के दौरान लगने वाले खसरा पांचसाला और खसरा बी-1 की प्रति को पटवारी और तहसीलदार से सत्यापित कराने की अनिवार्यता को हटा दिया गया है।
आदेश में ये भी कहा गया है कि जिन भूमि में विवाद हो या फिर जिसके दस्तावेज़ भुइंया वेबसाईट पर नहीं है ऐसे जमीनों के लिए ये नियम लागू नहीं होगा। उन्हें खसरा पांचसाला और खसरा बी-1 की प्रति को पटवारी और तहसीलदार से सत्यापित कराना होगा।”
Registry में आएगी तेज़ी
इस आदेश के पीछे प्रशासन ने ये तर्क दिया है के इससे रजिस्ट्री (Registry) के कामों में और तेज़ी आएगी। दरअसल अब तक राजस्व विभाग की वेबसाइट “भुइंया” में जमीन से जुड़े तमाम रिकार्ड डिजिटली स्टोर किए गए है।
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रजिस्ट्री के दौरान वेबसाइट से निकाली गई खसरा पांचसाला और खसरा बी-1 की प्रति को पटवारी और तहसीलदार से सत्यापित कराना जरुरी होता था, जिसमें समय लगता है। इससे उनके भी दूसरे काम प्रभावित होते थे, लिहाज़ा रजिस्ट्री प्रक्रिया को और सरल बनाया गया है।