रायपुर। Nivar Cyclone का असर आज छत्तीसगढ़ में दिखेगा। सूबे के मौसम विभाग ने इस संबंध में अलर्ट ज़ारी किया है। साथ ही बिजली विभाग, नगर निगम और NDRF की टीम को भी मुस्तैद रहने कहा गया है।
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आज शाम Nivar Cyclone आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु और पुदुचेरी के तटों पर टकराएगा। भारतीय मौसम विभाग द्वारा इस तूफ़ान की रफ़्तार और तेज़ होने की बात कही है। इस तूफ़ान का असर छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में सबसे ज़्यादा दिखेगा।
आंधप्रदेश की सीमा से लगे होने की वज़ह से बस्तर का इलाका ख़ासा प्रभावित होने की संभावना है। इस तूफ़ान के दौरान तेज़ आंधी और बारिश का पूर्वानुमान लगाया गया है।
#WATCH Strong winds at Mamallapuram ahead of the expected landfall of #CycloneNivar between Karaikal and Mamallapuram during midnight today and early hours of 26th November#TamilNadu pic.twitter.com/reuh7Qq2C8
— ANI (@ANI) November 25, 2020
भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक़ चक्रवाती तूफ़ान निवार अगले 12 घंटों के दौरान और भयावह होगा। ये चक्रवात की पुडुचेरी के आसपास कराईकल और मामल्लपुरम के बीच तमिलनाडु और पुडुचेरी के तटों से टकराएगा। इस दौरान 100 से 110 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी साथ ही तेज़ बारिश भी होगी।
Nivar Cyclone के लिए 22 टीम
भारत मौसम विभाग के पूवार्नुमान और राज्यों की जरूरतों को देखते हुए तीन अलग अलग स्थानों में रेस्क्यू के लिए कुल 22 टीमों की तैनाती की गई है।
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जिसमें तमिलनाडु में 12, पुडुचेरी में 3 और आंध्र प्रदेश में 7 टीमों की तैनाती की गई है। इसके आलावा रेस्क्यू के लिए गुंटूर (आंध्र प्रदेश), त्रिशूर (केरल) और मुंडली (ओडिशा) में भी रिजर्व रखा गया है।
Army ready to assist govt & civil administration in Tamil Nadu & Puducherry to face #CycloneNivar, maintaining communication with officials. Twelve humanitarian assistance & disaster relief teams & two engineer task forces ready for deployment: Southern Command, Indian Army pic.twitter.com/CPiHojBap4
— ANI (@ANI) November 25, 2020
धान को पहुंच सकता है नुकसान
कृषि मौसम विभाग ने किसानों को अपने धान को सुरक्षित स्थान पर पूरी तरह से ढक कर रखने की सलाह दी है। साथ ही जिन किसानों के धान की कटाई के बाद खेत में ही उनके धान रखे हुए है उसमे भी बारिश से बचने की सलाह दी गई है। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने एक दिसंबर से धान खरीदी करने की तैयारी क्र ली है। ऐसे में किसानों को बेमौसम होने वाली बारिश से धान को बचाना चुनौती बन रही है।