मुंबई। राहुल गांधी की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। अब उनके वीर सावरकर वाले बयान से एक बार फिर सियासी बखेड़ा खड़ा हो गया है। हाल ही में खुद को सावरकर नहीं बताते हुए राहुल गांधी ने कोर्ट में माफी मांगने से मना कर दिया था। जिसके बाद शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राहुल गांधी की तरफ ही आँखे तरेर दी थी।
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दरअसल रविवार को ही उद्धव ठाकरे ने सार्वजनिक रूप से कांग्रेस नेता से विनायक डी. सावरकर का अपमान करने से बचने की अपील की। राहुल गांधी ने कहा था कि “मैं माफी नहीं मांगूंगा, क्योंकि मैं सावरकर नहीं हूं, गांधी हूं।” भाजपा के खिलाफ लड़ाई में राहुल गांधी को अपने पूर्ण समर्थन की घोषणा करते हुए उद्धव ठाकरे ने राहुल गांधी से आग्रह किया कि “वीर सावरकर जो हमारे आदर्श हैं, उन्हें निशाना बनाने से बचें।”
नासिक के मुस्लिम बहुल मालेगांव शहर में एक विशाल रैली ठाकरे ने कांग्रेस नेता को संबोधित करते हुए कहा “मैं सार्वजनिक रूप से राहुल गांधी से अपील कर रहा हूं, आप बहुत अच्छा काम कर रहे हैं, देश के लिए लड़ रहे हैं। लेकिन, सावरकर हमारे आदर्श हैं, हम उनका अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे।”
नहीं होगा कोई वैचारिक समझौता
ठाकरे के इस बयान का समर्थन करते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा कि वीर सावरकर हमारे विश्वास का विषय हैं, और इस तरह के बयान असहनीय हैं। उन्होंने कहा कि वह नई दिल्ली में एक या दो दिन में गांधी से बात करेंगे और मामले को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करेंगे। इससे पहले शिवसेना (यूबीटी) ने नवंबर में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान सावरकर के प्रति गांधी की टिप्पणियों पर कड़ी आपत्ति जताई थी।
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हालांकि कांग्रेस ने महा विकास अघाड़ी (एमवीए) में अपने संबंधों के टूटने की संभावना से इनकार किया। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंधे और सांसद रजनी ए. पाटिल ने कहा कि सावरकर मुद्दे पर उनका रुख स्पष्ट है। इसी तरह, पटोले ने घोषणा की कि सावरकर मामले पर कांग्रेस का रुख सभी को अच्छी तरह से पता है और संकल्प लिया कि पार्टी कोई वैचारिक समझौता नहीं करेगी।