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अमरनाथ यात्रा: लैंडस्लाइड वाले क्षेत्रों में टेंट, दुकानें और लंगर लगाने की अनुमति नहीं

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दिल्ली। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने जून अंत से शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा (AMARNATH YATRA) को इस बार श्रद्धालुओं के लिए और सुरक्ष्रित बनाने की कवायद शुरू कर दी है। लगभग 14 से 18 किलोमीटर लंबी अमरनाथ यात्रा के पैदल मार्ग में इस बार लगभग 15 नो स्टे जोन बनाए जाएंगे।

भूस्खलन के खतरे वाले इन चिन्हित नो स्टे जोन में टेंट, दुकानें और लंगर लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। दो महीने तक चलने वाली इस यात्रा के मार्ग में परिस्थिति के अनुसार नो स्टे जोन की संख्या बढ़ाई जा सकती है। पिछले साल अमरनाथ यात्रा में 3.65 लाख यात्री आए थे। ये पिछले 6 साल की रिकॉर्ड संख्या थी। अनुमान है कि इस बार भी रिकॉर्ड यात्री आएंगे।

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पिछले साल जुलाई में अमरनाथ गुफा (AMARNATH YATRA)  के पास एक शिविर के भूस्खलन की चपेट में आने से 17 श्रद्धालुओं की मलबे में दबकर मृत्यु हो गई थी। भूस्खलन और फ्लैश फ्लड के एहतियाती उपाय नहीं करने और बड़ी संख्या में जगह-जगह दुकानें और टेंट लगाने की अनुमति देने की आलोचना हुई थी।

फुटओवर ब्रिज बनेंगे, फेंसिंग और स्लोप की मरम्मत होगी

अमरनाथ यात्रा मार्ग (AMARNATH YATRA)  में इस बार अधिक फुट ओवर ब्रिज बनाए जाएंगे। साथ ही फेंसिंग की मरम्मत की जा रही है। जोखिम भरे मार्ग में चिन्हित स्लोप को मजबूत किया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव अरुण कुमार मेहता के अनुसार सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया जा रहा है।

सुरक्षित यात्रा के लिए ये भी उपाय

  • अमरनाथ यात्रा के मार्ग से बर्फ को हटाने का काम 15 मार्च से शुरू हो जाएगा। अप्रैल के अंत तक पूरे यात्रा मार्ग से बर्फ को हटा दिया जाएगा।
  • सुरक्षा की दृष्टि से प्रत्येक यात्री और वाहनों की रेडियो फ्रीक्वेंसिंग टैगिंग की जाएगी। इससे उनकी सही लोकेशन को ट्रेक किया जा सकेगा।
  • किसी आतंकी हमले की आशंका के मद्देनजर पुलिस, सीआरपीएफ और अन्य सुरक्षा बलों को यात्रियों को प्रत्येक जत्थे के साथ रवाना किया जाएगा।